झारखंड में बुधवार को विधानसभा चुनाव 2024 के लिए दूसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। इस चरण में कुल मिलाकर मतदान का प्रतिशत अपेक्षाकृत बेहतर रहा। यह वही क्षेत्र है जहां 2019 में 66.94% मतदान दर्ज किया गया था।
रांची: झारखंड में बुधवार को दूसरे चरण के विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हो गया। इस चरण में प्रदेश के 12 जिलों की 38 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई, जहां अब तक के आंकड़ों के मुताबिक 68.45% मतदान दर्ज किया गया है। यह प्रतिशत 2019 के विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में दर्ज 66.94% मतदान से अधिक है, जो जनसक्रियता और चुनावी प्रक्रिया में बढ़ती भागीदारी को दर्शाता हैं।
इससे पहले 13 नवंबर को पहले चरण में 43 सीटों पर मतदान हुआ था, जिसमें 66.65% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। दूसरे चरण के मतदान में भी मतदाताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे झारखंड के लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और मजबूती मिली।
रंग लाई चुनाव आयोग की मेहनत
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के मतदान के साथ ही इस चुनाव में उतरे सभी 1211 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। दूसरे चरण में 12 जिलों की 38 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें 68.45% वोटिंग दर्ज की गई। यह 2019 के 66.94% मतदान से 1.51% अधिक है। इससे पहले, पहले चरण की 43 सीटों पर भी 2019 के मुकाबले 2.9% ज्यादा मतदान हुआ था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस बार झारखंड के मतदाता अधिक सक्रिय नजर आए।
सबसे ज्यादा मतदान धनबाद और गिरिडीह जिलों की छह-छह सीटों पर हुआ, जबकि सबसे कम हजारीबाग और रामगढ़ जिलों की एक-एक सीट पर वोटिंग हुई। चुनाव आयोग द्वारा शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए थे।
दूसरे चरण के चुनाव में इन सीटों पर होगा कड़ा मुकाबला
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में कई चर्चित सीटों पर मतदान हुआ, जिनमें बरहेट, गांडेय, दुमका, जामताड़ा, धनवार, सिल्ली, महेशपुर, झरिया, जामा और पोड़ैयाहाट शामिल हैं। इन सीटों पर चुनावी मुकाबला खासा दिलचस्प रहा, क्योंकि इनमें कई प्रमुख राजनीतिक चेहरे मैदान में थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनका परिवार, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, आज़सू प्रमुख सुदेश महतो, पूर्व उपमुख्यमंत्री स्टीफन मरांडी, पूर्व मंत्री लुईस मरांडी, और पूर्व डीएसपी नवनीत हेम्ब्रम जैसे दिग्गज नेता चुनावी मैदान में हैं, जो इन सीटों पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
इसके अलावा, झरिया सीट पर खास चर्चा हो रही है, क्योंकि यहां सिंह मेंशन की दो बहुओं का राजनीतिक भविष्य भी दांव पर है। यह सीट उन राजनीतिक परिवारों के लिए विशेष महत्व रखती है, जिनके सदस्यों ने राज्य की राजनीति में अपनी मजबूत पहचान बनाई हैं।