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CJI बी आर गवई ने जजों की नियुक्ति पर तोड़ी चुप्पी, बोले– मेरिट से नहीं होगा समझौता, सभी वर्गों को मिलेगा प्रतिनिधित्व

CJI बी आर गवई ने जजों की नियुक्ति पर तोड़ी चुप्पी, बोले– मेरिट से नहीं होगा समझौता, सभी वर्गों को मिलेगा प्रतिनिधित्व

CJI बी आर गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अब सिर्फ CJI केंद्रित नहीं है। जजों की नियुक्ति में पारदर्शिता लाई जा रही है। 54 उम्मीदवारों के इंटरव्यू के बाद 36 नामों की सिफारिश की गई है।

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट CJI केंद्रित नहीं है और जजों की नियुक्ति को पारदर्शी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरिट से समझौता किए बिना सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देना आवश्यक है।

सुप्रीम कोर्ट अब सिर्फ CJI केंद्रित नहीं: जस्टिस गवई

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी आर गवई ने जजों की नियुक्ति को लेकर अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अब केवल CJI केंद्रित संस्था नहीं रही है और न्यायिक प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और समावेशी बनाने की दिशा में प्रयास जारी हैं। बॉम्बे बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने यह बात रखी।

जजों की नियुक्ति को लेकर पारदर्शिता पर जोर

मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की कोशिशें लगातार जारी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सोच अब बदलनी चाहिए कि सभी निर्णय केवल CJI के इर्द-गिर्द ही लिए जाते हैं। उन्होंने कहा, "हम एक पारदर्शी प्रणाली की ओर बढ़ रहे हैं, जहाँ नियुक्तियों में सभी वर्गों का समुचित प्रतिनिधित्व हो सकेगा।"

54 उम्मीदवारों में से 36 नामों की सिफारिश

CJI गवई ने जानकारी दी कि हाल ही में 54 उम्मीदवारों का इंटरव्यू लिया गया, जिनमें से 36 नामों की नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है। यह प्रक्रिया तीन दिनों तक चली और इसका उद्देश्य न्यायपालिका को विविधता के साथ-साथ गुणवत्ता देने का था।

सभी वर्गों को मिलेगा अवसर, लेकिन योग्यता से समझौता नहीं

CJI गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस दिशा में पूरी तरह से प्रतिबद्ध है कि समाज के सभी वर्गों को न्यायिक सेवा में प्रतिनिधित्व मिले। लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि योग्यता के मानकों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम ऐसी प्रणाली बना रहे हैं जहाँ न्यायिक नियुक्तियां केवल पारदर्शी ही नहीं, बल्कि न्यायपूर्ण भी हों।"

लंबित मामलों पर चिंता जताई

CJI ने अदालतों में लंबित मामलों को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है और इसका एक बड़ा कारण न्यायिक रिक्तियों का होना है। उन्होंने कहा कि जब तक अदालतों में जजों की नियुक्तियां नहीं होंगी, तब तक मामलों का जल्द निपटारा संभव नहीं हो पाएगा।

मुख्य न्यायाधीश गवई ने बताया कि यह प्रयास उनके कार्यकाल से शुरू नहीं हुए, बल्कि पूर्व CJI जस्टिस संजीव खन्ना के समय से ही न्यायिक प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी और समावेशी बनाने की दिशा में काम हो रहा है। यह प्रक्रिया अब और मजबूत हो रही है।

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