जम्मू-कश्मीर के रामबन में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बयान दिया कि "अब हालात बदल चुके हैं। युवाओं के पास अब पिस्तौल और रिवॉल्वर के बजाय लैपटॉप और कंप्यूटर हैं।" उनका यह बयान कश्मीर में सुरक्षा और विकास के क्षेत्र में हुए बदलाव को इंगित करता है। राजनाथ सिंह ने यह भी बताया कि इस बदलाव के जरिए सरकार का उद्देश्य युवाओं को सशक्त बनाना और उन्हें शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करना हैं।
रामबन: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के रामबन में एक चुनावी रैली के दौरान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के निवासियों के बारे में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के निवासियों को भारत में शामिल होना चाहिए। हम उन्हें अपना मानते हैं।" राजनाथ सिंह का यह बयान भारत की विदेश नीति और कश्मीर के मुद्दे पर सरकार की स्थिति को स्पष्ट करता है। यह बयान यह भी दर्शाता है कि भारत पीओके को अपना हिस्सा मानता है और इस क्षेत्र के लोगों को भारतीय समाज में शामिल करने की इच्छा व्यक्त करता हैं।
अनुच्छेद 370 कोई भी बहाल नहीं कर सकता - रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के रामबन में अपने बयान में कांग्रेस-नेकां (नेशनल कांफ्रेंस) गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह गठबंधन अनुच्छेद 370 को बहाल करने का दावा कर रहा है, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक भाजपा सत्ता में है, ऐसा कोई भी कदम उठाया नहीं जा सकता। राजनाथ ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात अब बदल चुके हैं। उन्होंने बताया कि युवाओं के पास अब पिस्तौल और रिवॉल्वर के बजाय लैपटॉप और कंप्यूटर हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और शिक्षा के माध्यम से विकास हो रहा हैं।
J&K बना टूरिज्म का हॉटस्पॉट
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के रामबन में एक चुनावी रैली में बयान देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर अब आतंकवाद का गढ़ नहीं बल्कि पर्यटन का हॉटस्पॉट बन गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि साढ़े तीन दशकों के बाद पहली बार श्रीनगर में ताजिया निकाला गया है, जो पहले कभी संभव नहीं था।राजनाथ ने यह भी बताया कि जम्मू से श्रीनगर तक यात्रा की समयावधि अब साढ़े चार घंटे रह गई है, जो पहले बहुत लंबा समय लिया करता था। उन्होंने पाकिस्तान की सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि पाकिस्तान पीओके को विदेशी भूमि मानता है, जबकि भारत पीओके के लोगों को अपना मानता हैं।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पाकिस्तान के एएसजी ने इस बात को हलफनामे में स्वीकार किया है कि पीओके उनके लिए विदेशी भूमि है। राजनाथ सिंह ने अपने बयान से यह स्पष्ट किया कि भारत पीओके को अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है और क्षेत्र में सुरक्षा और विकास की दिशा में जो कदम उठाए जा रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनावों की महत्वता को किया उजागर
राजनाथ सिंह ने जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनावों की महत्वता को उजागर करते हुए कहा कि यह चुनाव देश और दुनिया की निगाहों में हैं। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि जम्मू और कश्मीर में लंबे समय तक लोगों को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया था और अब इस बार के विधानसभा चुनावों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:
* मतदान अधिकार: पाकिस्तान से आए शरणार्थियों, वाल्मीकी समुदाय और सफाई कर्मचारियों के परिवारों को पहली बार लोकल बॉडीज चुनाव में वोट डालने का अधिकार मिला हैं।
* वाल्मीकी समुदाय का लाभ: वाल्मीकी समुदाय को अनुसूचित जाति (SC) की श्रेणी का लाभ मिलने की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है।
* ST समुदाय के लिए आरक्षित सीटें: पहली बार अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के लिए विधानसभा में सीटें आरक्षित की गई हैं।
* अंतरराष्ट्रीय मान्यता: कश्मीर घाटी में हो रहे बदलावों की पूरी दुनिया में सराहना की जा रही है। इसका एक उदाहरण पिछले साल जी-20 शिखर सम्मेलन का श्रीनगर में सफल आयोजन हैं।
राजनाथ ने कहा, "भाजपा के संकल्प पत्र में..."
राजनाथ सिंह ने भाजपा के संकल्प पत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा की योजनाओं में जम्मू और कश्मीर के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम शामिल हैं. राजनाथ ने इन योजनाओं को जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए महत्वपूर्ण विकासात्मक उपाय बताते हुए भाजपा के प्रति समर्थन की अपील की।
* उज्ज्वला योजना: हर उज्ज्वला योजना लाभार्थी को साल में दो सिलेंडर मुफ्त देने की योजना है।
* शिक्षा: दूरदराज के इलाकों में हायर सेकेंडरी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों को टैबलेट या लैपटॉप प्रदान किया जाएगा।
* मेट्रो रेल कनेक्टिविटी: जम्मू और श्रीनगर दोनों शहरों को मेट्रो रेल की कनेक्टिविटी देने का प्रस्ताव है।
* रिवर फ्रंट: तवी नदी पर एक आकर्षक रिवर फ्रंट विकसित किया जाएगा।
* टूरिस्ट डेस्टिनेशन: रामबन और बनिहाल के कुछ इलाकों को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा।
* पुनर्वास: कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी और पुनर्वास को तेज़ी से पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों, POJK के शरणार्थियों, और वाल्मीकि और गोरखा समाज के लोगों के पुनर्वास में भी तेजी लाने का संकल्प हैं।