पीएम मोदी के किसान हितों वाले बयान पर अखिलेश यादव ने हमला बोला, कहा कि सरकार को यह सोच 10 साल पहले करनी चाहिए थी। उन्होंने विदेश नीति को विफल बताते हुए अमेरिकी टैरिफ पर भी सरकार की आलोचना की और किसानों के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के हितों को सर्वोपरि बताते हुए अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते को लेकर जो बयान दिया गया है, उस पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने सरकार की नीति, पिछले 10 वर्षों की निष्क्रियता और विदेश नीति की असफलताओं को लेकर सवाल उठाए।
प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट रुख
दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हमारे लिए किसानों का हित सर्वोच्च है। भारत किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है कि इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं।' इस बयान को अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें अमेरिका भारत से डेयरी और कृषि उत्पादों के लिए बाजार खोलने की मांग कर रहा है। पीएम के इस बयान को आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण की पुनः पुष्टि माना जा रहा है।
अखिलेश यादव का तीखा पलटवार
प्रधानमंत्री के इस रुख पर पलटवार करते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को अब नहीं, बल्कि 10 साल पहले किसानों की चिंता करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, 'अगर आज सरकार को किसानों की याद आ रही है, तो यह विडंबनापूर्ण है। जिनका वादा था किसानों की आय दोगुनी करने का, वे अब अंतरराष्ट्रीय दबाव का हवाला देकर खुद को किसान हितैषी साबित करने में लगे हैं। लेकिन असलियत देश के गांव-गांव में दिख रही है।' अखिलेश ने पीएम मोदी के बयान को "राजनीतिक दबाव में लिया गया स्टैंड" बताते हुए कहा कि सरकार अब अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए राष्ट्रवाद और किसान हितों की आड़ ले रही है।
'विदेश नीति पूरी तरह विफल' – अखिलेश
अखिलेश यादव ने अपनी बात को और आगे बढ़ाते हुए भारत की विदेश नीति को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि, हमारी सरकार जिन संबंधों का ढोल पीटती रही, वही देश अब हम पर टैरिफ थोप रहे हैं। चीन, अमेरिका, रूस – हर तरफ से हमें चुनौती मिल रही है। यह सरकार की विदेश नीति की पूरी विफलता है।' उन्होंने यह भी कहा कि भारत की स्थिति अब इतनी कमजोर हो चुकी है कि एक व्यापार समझौता भी राष्ट्र हित और किसान सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है।
ट्रंप टैरिफ और भारत की स्थिति
बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 25% अतिरिक्त टैरिफ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि, 'जब अमेरिका रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर टैरिफ लगाता है, तो यह हमारी विदेश नीति की कमजोरी को दिखाता है। ऐसे में पीएम मोदी को सवालों का जवाब देना चाहिए कि आखिर इतने सालों में उन्होंने क्या किया?' उन्होंने आगे कहा कि, 'अमेरिका के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंध रहे हैं, लेकिन आज उन संबंधों में भी खटास आ गई है। अगर भारत की नीति संतुलित होती, तो आज इतनी असहज स्थिति न होती।'
क्या वाकई किसान हित प्राथमिकता में हैं?
अखिलेश यादव ने पीएम मोदी से सीधा सवाल किया कि अगर वाकई किसानों के हित सर्वोच्च हैं, तो अब तक एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानूनी गारंटी क्यों नहीं दी गई? उन्होंने पूछा कि सरकार ने किसानों के कर्ज माफ क्यों नहीं किए और किसानों की आमदनी को वादे के अनुसार दोगुना क्यों नहीं किया गया? अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा, 'किसानों को सिर्फ भाषण नहीं, ठोस नीतियों की जरूरत है। बातों से पेट नहीं भरता, उन्हें सम्मान और असली समर्थन चाहिए।'