घड़ी चुनाव निशान के संबंध में आज शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी द्वारा दायर याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। याचिका में यह अनुरोध किया गया है कि दोनों समूहों को घड़ी चुनाव चिन्ह का उपयोग न करने का आदेश दिया जाए। हालांकि, अदालत ने शरद पवार के गुट को झटका देते हुए यह कहा कि अजित पवार इस विधानसभा चुनाव में घड़ी चुनाव चिन्ह का उपयोग कर सकेंगे।
New Delhi: एनसीपी (NCP) के 'घड़ी' चुनाव निशान से संबंधित आज शरद पवार गुट द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई की अगुवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने की। याचिका में यह अनुरोध किया गया है कि दोनों दलों को 'घड़ी' चुनाव चिन्ह के उपयोग से रोकने का आदेश दिया जाए।
सुनवाई के दौरान शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को ऐसे चिन्ह का प्रयोग नहीं करना चाहिए, जो कि अदालत में विचाराधीन है। एनसीपी (शरद पवार) ने दो अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव चिन्ह 'घड़ी' के उपयोग पर रोक लगाने की मांग की थी।
कोर्ट ने शरद पवार गुट की बात को मानने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार के गुट को झटका देते हुए स्पष्ट किया है कि अजित पवार इस विधानसभा चुनाव में 'घड़ी' चुनाव निशान का उपयोग कर सकेंगे। कोर्ट ने अजित पवार को निर्देश दिया कि एनसीपी को आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए 'घड़ी' निशान का प्रयोग करना चाहिए।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि एनसीपी को एक डिस्क्लेमर देना आवश्यक होगा, जिसमें स्पष्ट किया जाए कि घड़ी चुनाव निशान का उपयोग अदालतों में विवाद का विषय है और इसका अंतिम निर्णय शरद पवार द्वारा दायर याचिका के नतीजे पर निर्भर करेगा।
अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अजित पवार से संबंधित धड़ा घड़ी चुनाव निशान का उपयोग करके मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा कर रहा है। उन्होंने यह भी तर्क प्रस्तुत किया कि चूंकि अजित पवार गुट न्यायालय द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन नहीं कर रहा है, इसलिए उन्हें घड़ी के प्रतीक का उपयोग करने से रोका जाना चाहिए।
अजीत गुट सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कर रहा: अभिषेक मनु सिंघवी
इसके बाद, अभिषेक मनु सिंघवी ने कुछ पोस्टरों के स्क्रीनशॉट पेश किए, जिनके बारे में उन्होंने बताया कि 'घड़ी' चिन्ह को एनसीपी और अजित पवार के आधिकारिक 'एक्स' हैंडल और फेसबुक पेजों से साझा किया गया था। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि अजीत गुट सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कर रहा है।
कोर्ट का बयान
इसके बाद न्यायमूर्ति कांत ने कहा, "एक बार जब हमने कोई निर्देश जारी कर दिया है, तो उसका पालन करना आवश्यक है। आप जवाब दाखिल करें और एक नया हलफनामा प्रस्तुत करें जिसमें यह स्पष्ट करें कि आपने अतीत में भी किसी प्रकार का उल्लंघन नहीं किया है और भविष्य में भी ऐसा नहीं करेंगे।
हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष हमारे निर्देशों का पालन करेंगे।" इसके अलावा, कोर्ट ने दोनों गुटों से यह भी कहा कि वे अपने लिए शर्मनाक स्थिति उत्पन्न न करें। "अगर हमें यह आभास होता है कि हमारे आदेश का जानबूझकर उल्लंघन किया जा रहा है, तो हम स्वतः अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के लिए मजबूर हो सकते हैं।" कोर्ट अब अगली सुनवाई 6 नवंबर को निर्धारित की गई है।