Maharashtra Election: विरोधियों को मनोज जरांगे का बड़ा झटका, बिना चुनाव लड़े बनेंगे 'किंगमेकर', जानें क्या है योजना?

Maharashtra Election: विरोधियों को मनोज जरांगे का बड़ा झटका, बिना चुनाव लड़े बनेंगे 'किंगमेकर', जानें क्या है योजना?
Last Updated: 18 घंटा पहले

मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाग लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह अब केवल उन लोगों को हराने की भूमिका निभाएंगे जो मराठा आरक्षण का विरोध करते हैं। जरांगे ने अपनी आगे की भूमिका को स्पष्ट करते हुए कहा कि राजनीति हमारा पारिवारिक पेशा नहीं है।

Maharashtra: विधानसभा चुनाव में कई महीनों से अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने अब चुनाव में किसी उम्मीदवार को उतारने का फैसला लिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अब केवल उन लोगों को हराने का काम करेंगे जो मराठा आरक्षण का विरोध कर रहे हैं।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि हम एक समाज के बल पर चुनाव नहीं लड़ सकते। हमने मुस्लिम और दलित समुदाय के नेताओं से उनके उम्मीदवारों की सूची मांगी थी, लेकिन वह हमें नहीं मिल पाई। इसलिए इस चुनाव में हम अपने कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे।

जरांगे का केंद्र सरकार पर निशाना

मनोज जरांगे पाटिल ने अपनी आगे की भूमिका स्पष्ट करते हुए कहा कि राजनीति उनका खानदानी पेशा नहीं है और उन्होंने किसी भी पार्टी या नेता को समर्थन नहीं दिया है। उन्होंने कहा, "जो 400 पार का नारा दे रहे थे, उनका हाल आप सभी ने देखा है। मराठा समुदाय का दबदबा कायम रहेगा, इसमें कोई शक नहीं है। सभी को चुपचाप वोट देकर आना है। मराठा समाज को अपनी स्थिति समझ लेनी चाहिए।"

आरक्षण विरोधियों की बढ़ेगी मुश्किलें

जरांगे पाटिल के इस वक्तव्य का अर्थ यह निकाला जा रहा है कि उन्होंने मराठा समुदाय को कुनबी का दर्जा देकर ओबीसी कोटे के अंतर्गत आरक्षण देने का विरोध करने वालों को हराने का फर्मान जारी कर दिया है। इसी तरह का फर्मान उन्होंने कुछ माह पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी जारी किया था, जिसके कारण उनके प्रभाव वाले मराठवाड़ा क्षेत्र की आठ लोकसभा सीटों में से सिर्फ एक सीट सत्तारूढ़ महायुति के हिस्से में आई थी। यदि यह जादू विधानसभा चुनाव में भी चला, तो मराठवाड़ा की 46 सीटों पर महायुति को नुकसान हो सकता है।

हर समुदाय के लोगों से मिले जरांगे

जानकारी के अनुसार, जरांगे पाटिल मराठा समुदाय के साथ-साथ दलितों, आदिवासियों और मुस्लिमों का गठजोड़ बनाने के लिए प्रयासरत थे। उन्होंने मुस्लिम, दलित और आदिवासी समुदाय के नेताओं से बराबर मुलाकात की थी। हाल ही में, उन्होंने मुस्लिम मौलाना सज्जाद नोमानी से भी मुलाकात की थी। वह चाहते थे कि उनके उम्मीदवारों में विभिन्न समुदायों के चेहरे शामिल हों, लेकिन अब उन्होंने सभी उम्मीदवारों से अपना नामांकन वापस लेने की घोषणा कर दी है।

 

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