देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन पर पीएम मोदी और अन्य नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस बीच, सोनिया गांधी का 2018 में मनमोहन सिंह की तारीफ वाला बयान चर्चा में है।
Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। देश-दुनिया के कई बड़े नेता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें देश के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बताया।
सोनिया गांधी का 2018 का बयान चर्चा में
इस बीच, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का 2018 का एक बयान चर्चा में है, जिसमें उन्होंने मनमोहन सिंह की काफी तारीफ की थी। मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान सोनिया ने कहा था कि 2004 के लोकसभा चुनावों में उन्हें पूरी उम्मीद थी कि डॉ. मनमोहन सिंह उनसे बेहतर प्रधानमंत्री साबित होंगे। सोनिया ने कहा, "मुझे अपनी सीमाएं पता थीं, और मुझे यह पता था कि मनमोहन सिंह मुझसे बेहतर प्रधानमंत्री होंगे।"
मनमोहन सिंह का राजनीतिक सफर
मनमोहन सिंह ने 1991 में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी, जब उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की कैबिनेट में वित्त मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने भारत में उदारीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार पेश किए। उनका योगदान भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण रहा।
मनमोहन सिंह के महत्वपूर्ण कार्य
मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए कई ऐतिहासिक योजनाएं और सुधार लागू किए गए। उन्होंने मनरेगा योजना को लागू किया, सार्वजनिक वितरण प्रणाली का दायरा बढ़ाया और सूचना का अधिकार अधिनियम को लागू किया। उनके कार्यकाल में भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास सुधार, बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार (RTE) जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।
मनमोहन सिंह के परिवार में उनकी पत्नी गुरचरण कौर और तीन बेटियां हैं। उन्होंने 2004 से 2014 तक दस वर्षों तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा दी।
पीएम मोदी और राहुल गांधी की श्रद्धांजली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करता है। उनके प्रधानमंत्री के रूप में किए गए प्रयासों ने लोगों के जीवन को बेहतर बनाया।" वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी दुख व्यक्त करते हुए कहा, "मैंने एक मार्गदर्शक खो दिया है।"