Nagpur Violence: पुलिस की गिरफ्त में फहीम शमीम खान, जानिए कौन है यह मास्टरमाइंड?

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नागपुर हिंसा के मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान को पुलिस ने गिरफ्तार किया। हिंसा भड़काने का आरोप, 21 मार्च तक हिरासत में। पुलिस सोशल मीडिया और सीसीटीवी फुटेज की जांच में जुटी।

Nagpur Violence: महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा के मामले में मास्टरमाइंड माने जा रहे फहीम शमीम खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल, वह 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में रहेगा। फहीम खान माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) का शहर अध्यक्ष है। वह केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नितिन गडकरी के खिलाफ नागपुर से लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ चुका है, लेकिन दोनों ही चुनावों में उसकी जमानत जब्त हो गई थी।

हिंसा भड़काने में फहीम खान की भूमिका

नागपुर पुलिस की एफआईआर में फहीम खान का नाम आरोपियों की सूची में शामिल है। उस पर आरोप है कि उसने शुरुआत में पुलिस स्टेशन पहुंचकर बजरंग दल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और लोगों को भड़काने का काम किया। इस कारण शहर में तनाव फैल गया और देखते ही देखते यह हिंसा में बदल गया।

नागपुर पुलिस ने क्या कहा?

नागपुर पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंघल ने इस मामले में कहा कि हिंसा में कुछ लोगों की सीधी भूमिका हो सकती है, या फिर उन्होंने लोगों को उकसाया हो सकता है। इस मामले में पुलिस जांच कर रही है कि कोई एक व्यक्ति इस हिंसा के पीछे था या कोई संगठन इस घटना को अंजाम दे रहा था। पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है।

उन्होंने आगे कहा, "अभी एफआईआर में जो भी आरोपी हैं, वे सभी नागपुर के रहने वाले हैं। हालांकि, कुछ एंगल से यह भी संकेत मिल रहे हैं कि कुछ बाहरी लोग भी इस हिंसा में शामिल थे। हमारी जांच जारी है, जल्द ही इस मामले में और खुलासे होंगे।"

कैसे भड़की नागपुर में हिंसा?

महाराष्ट्र में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने 17 मार्च को औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इसी दौरान नागपुर में अफवाह फैली कि धार्मिक चिह्न वाले चादर को जला दिया गया है। इस अफवाह के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ गया और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। यह प्रदर्शन बाद में हिंसा में बदल गया।

इस दौरान कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और शहर में उपद्रव मच गया। हिंसा में कई पुलिसकर्मी और आम नागरिक घायल हुए।

अब तक कितने गिरफ्तार हुए?

नागपुर पुलिस ने हिंसा के मामले में तीन अलग-अलग थानों में कुल 6 एफआईआर दर्ज की हैं। पुलिस ने अब तक 51 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा, 1250 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें से 100 से 200 लोगों की पहचान हो चुकी है।

सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट की जांच

नागपुर पुलिस की साइबर यूनिट सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और पोस्ट की भी जांच कर रही है। पुलिस उन लोगों की पहचान करने में जुटी है, जिन्होंने हिंसा भड़काने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। इसके अलावा, पुलिस ने हिंसा से जुड़े 100 से 150 सीसीटीवी फुटेज की भी जांच शुरू कर दी है।

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