चुनाव आयोग ने क्रिकेटर रिंकू सिंह को मतदाता जागरूकता अभियान के आइकन के रूप में हटाने का फैसला किया है। यह निर्णय मछलीशहर की समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद प्रिया सरोज से उनकी सगाई के बाद लिया गया है।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह, जो अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी और मैदान पर शानदार प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं, अब चुनाव आयोग के मतदाता जागरूकता अभियान (SVEEP) के राज्य स्तरीय आइकन नहीं रहेंगे। इसके साथ ही, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) बनाए जाने की प्रक्रिया भी रोक दी गई है। इस फैसले के पीछे दो मुख्य कारण सामने आए हैं – राजनीतिक तटस्थता में कमी और शैक्षणिक योग्यता का पूरा न होना।
राजनीतिक जुड़ाव बना बाधा
चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, SVEEP अभियान के लिए चुने गए किसी भी ब्रांड आइकन का राजनीतिक रूप से पूरी तरह तटस्थ होना अनिवार्य होता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने जानकारी दी कि रिंकू सिंह को 2023 में राज्य स्तरीय आइकन के रूप में नियुक्त किया गया था। यह एक प्रचारात्मक भूमिका थी, जिसमें व्यक्ति से बिना किसी भुगतान के सिर्फ सहमति ली जाती है।
हालांकि हाल ही में रिंकू सिंह की सगाई समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद प्रिया सरोज से हुई, जिसके बाद उनका राजनीतिक परिवार से जुड़ाव सार्वजनिक हुआ। इससे आयोग के नियमों के अनुसार वे अब राजनीतिक तटस्थ नहीं रहे। परिणामस्वरूप, आयोग ने उन्हें SVEEP आइकन के पद से हटा दिया है।
बीएसए नियुक्ति पर भी लगा विराम
निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं कि वे मतदाता जागरूकता से संबंधित पोस्टर्स, वीडियो, वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पर रिंकू सिंह की फोटो और संदेशों को तत्काल हटा दें। आयोग ने यह स्पष्ट किया कि यह एक नियमित प्रक्रिया है और राजनीतिक तटस्थता बनाए रखना आवश्यक शर्त है।क्रिकेट के मैदान से प्रशासनिक सेवा तक की यात्रा की तैयारी में लगे रिंकू सिंह के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) की नियुक्ति की प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने लगभग एक माह पहले अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। इसी के तहत रिंकू सिंह का नाम बीएसए पद के लिए प्रस्तावित हुआ था और उनसे शैक्षणिक प्रमाणपत्र मांगे गए थे।
बीएसए पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता ‘परास्नातक’ निर्धारित है। लेकिन रिंकू सिंह केवल आठवीं पास हैं, जिससे वे इस पद के लिए योग्यता नहीं रखते।उनके दस्तावेज मिलने के बाद फाइल मुख्यमंत्री को अंतिम स्वीकृति के लिए भेजी गई थी, परंतु शिक्षा विभाग ने योग्यता पूरी न होने की स्थिति में नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी। यह भी बताया गया कि यदि भविष्य में कोई विशेष नियम या संशोधन किया जाए, तभी इस पर पुनर्विचार संभव होगा।