बिहार चुनाव 2025 में मुंगेर सीट पर बीजेपी और आरजेडी के बीच कड़ी टक्कर है, लोजपा और गठबंधन समीकरण से नतीजे प्रभावित हो सकते हैं।
Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मुंगेर विधानसभा सीट की अहमियत लगातार बढ़ती जा रही है। 1957 में बने इस क्षेत्र में हमेशा से समाजवादी विचारधारा वाले नेताओं को प्राथमिकता मिली है। हालांकि, यहां कभी किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है। मुंगेर में कुल 17 चुनाव हो चुके हैं, लेकिन किसी भी पार्टी ने तीन से अधिक बार जीत हासिल नहीं की है। यही वजह है कि इस सीट को 'फ्लोटिंग सीट' माना जाता है और हर चुनाव में राजनीतिक दल इसे अपने लिए जीतने का हर संभव प्रयास करते हैं।
बीजेपी और विपक्षी गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर
वर्तमान में मुंगेर सीट पर बीजेपी का कब्जा है। 2020 विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार ने महज 1244 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी। ऐसे में 2025 में भी एनडीए और विपक्षी गठबंधन के बीच सघन मुकाबला होने की संभावना है। यहाँ की राजनीतिक परंपरा दर्शाती है कि कभी-कभी जीतें बहुत करीबी होती हैं और मतदाता किसी भी दल को आसानी से छोड़ सकते हैं।
मुंगेर सीट का ऐतिहासिक रुझान
मुंगेर विधानसभा सीट पर विभिन्न पार्टियों ने कभी-कभी जीत हासिल की है। इतिहास को देखें तो कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल-यूनाइटेड ने तीन-तीन बार जीत दर्ज की है। जबकि जनता दल को दो बार सफलता मिली। इसके अलावा संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी और जनता पार्टी (सेक्युलर) ने एक-एक बार यहां जीत हासिल की है। इसका मतलब है कि कोई भी पार्टी यहां लगातार प्रभुत्व नहीं बना पाई है, जिससे चुनाव हमेशा रोमांचक बने रहते हैं।
लोकसभा चुनाव में JDU की पकड़
लोकसभा चुनाव में मुंगेर में जनता दल यूनाइटेड (JDU) की पकड़ मजबूत रही है। नीतीश कुमार की पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पिछले चार चुनाव में से तीन बार जीत हासिल की है। इससे साफ है कि एनडीए उम्मीदवारों के लिए इस सीट पर जीत हासिल करना आसान नहीं है, लेकिन उनकी पारंपरिक ताकत अभी भी कायम है।
विपक्षी गठबंधन की चुनौती
आरजेडी और कांग्रेस का गठबंधन इस बार एनडीए के लिए चुनौती बन सकता है। मुंगेर में विपक्षी दल बीजेपी को हराने के लिए पूरी रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे। पारंपरिक रूप से इस सीट पर एनडीए की राह आसान रही है, लेकिन प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी और विपक्षी गठबंधन के नए समीकरण चुनाव को काफी चुनौतीपूर्ण बना सकते हैं।
चिराग पासवान और लोजपा का असर
2020 विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की लोजपा ने एनडीए उम्मीदवारों को नुकसान पहुँचाया था। मुंगेर भी उन सीटों में शामिल थी, जहाँ एनडीए को मतों का नुकसान हुआ। इस बार चिराग पासवान और उनके गठबंधन के साथ आने से बीजेपी को सीधे लाभ मिल सकता है। यह भी संभावना है कि लगातार दूसरी बार बीजेपी को मुंगेर में जीत मिल सकती है।
चुनावी समीकरण 2025
इस बार के चुनाव में मुंगेर सीट पर कुछ महत्वपूर्ण समीकरण काम करेंगे। पहला, पिछले चुनाव की करीबी जीत और मतों का बंटवारा। दूसरा, लोजपा और अन्य छोटे दलों की भागीदारी। तीसरा, विपक्षी गठबंधन की रणनीति और स्थानीय मुद्दों का प्रभाव। इन सभी का असर मतदाताओं के निर्णय पर पड़ सकता है।