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Air Pollution का खतरा बढ़ा, जानें योग से कैसे करें शरीर को मजबूत और सुरक्षित

Air Pollution का खतरा बढ़ा, जानें योग से कैसे करें शरीर को मजबूत और सुरक्षित

दिल्ली जैसी पॉल्यूटेड जगहों की हवा में घातक बैक्टीरिया मौजूद हैं, जो फेफड़ों और शरीर के अन्य अंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पीएम-2.5 कण इन बैक्टीरिया को फैलाने में मदद करते हैं। योग और स्ट्रॉन्ग इम्यूनिटी से शरीर को इन अदृश्य दुश्मनों के असर से बचाया जा सकता है।

Toxic Winds: कोलकाता के बोस इंस्टीट्यूट की ताजा स्टडी में खुलासा हुआ है कि दिल्ली जैसी घनी आबादी वाली पॉल्यूटेड जगहों की हवा में बैक्टीरिया की संख्या दूसरी जगहों से दोगुनी है। पीएम-2.5 कण इन बैक्टीरिया को लंबी दूरी तक फैलाकर फेफड़ों और शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचाते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हर साल भारत में प्रदूषण और इन बैक्टीरिया के कारण 12 लाख से अधिक लोग समय से पहले मर जाते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि रेगुलर योग और स्ट्रॉन्ग इम्यूनिटी से शरीर को इन बैक्टीरिया के नुकसान से बचाया जा सकता है।

स्टडी ने दिखाई हवा की असली तस्वीर

कोलकाता के बोस इंस्टीट्यूट की ताजा स्टडी में पाया गया है कि दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में हवा में घातक बैक्टीरिया की संख्या दूसरे शहरों की तुलना में दोगुनी है। ये बैक्टीरिया न सिर्फ फेफड़ों बल्कि पूरे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों पर असर डाल सकते हैं। स्टडी में यह भी बताया गया है कि पीएम-2.5 कण इन बैक्टीरिया की मदद कर रहे हैं। ये छोटे डस्ट पार्टिकल्स बैक्टीरिया को अपने साथ लंबी दूरी तक ले जाते हैं और सीधे श्वसन तंत्र तक पहुंचा देते हैं।

दिल्ली वासियों पर बढ़ता खतरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ पहले ही कह चुका है कि दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शीर्ष पर है। अब इसी हवा में बैक्टीरिया का अटैक जुड़ गया है। हर दिन करोड़ों लोग इस हवा में सांस ले रहे हैं। इससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन बीमारियों के साथ पेट की बीमारियां, गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल इंफेक्शन, स्किन प्रॉब्लम्स और एलर्जी जैसी परेशानियां बढ़ रही हैं। हवा अब बीमारियों का जहरीला मिश्रण बन चुकी है।

सेहत को मजबूत करना कितना जरूरी

एयर पॉल्यूशन से हर साल भारत में लगभग 12 लाख लोगों की समय से पहले मृत्यु हो जाती है। अब सवाल यह है कि इस चुनौती का सामना कैसे किया जाए। प्रदूषण के साथ हवा में मौजूद बैक्टीरिया भी खतरा बढ़ा रहे हैं। अगर शरीर कमजोर होगा तो ये बैक्टीरिया सांस से शुरू होकर पूरे शरीर पर असर डाल सकते हैं।

योग को नियमित जीवन में शामिल करने से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है। मजबूत इम्यूनिटी होने पर शरीर घातक बैक्टीरिया और वायरल इन्फेक्शन से बेहतर लड़ सकता है। योग के अभ्यास से फेफड़े, हृदय और मांसपेशियों की क्षमता बढ़ती है। श्वसन तंत्र और रक्त संचार भी बेहतर होते हैं, जिससे बैक्टीरिया और वायरस का असर कम होता है।

योगाभ्यास के फायदे

योग से न केवल फिजिकल फिटनेस बढ़ती है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। तनाव कम होने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। नियमित प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और कपालभाति जैसे अभ्यास फेफड़ों को मजबूत बनाते हैं। इससे हवा में मौजूद हानिकारक कण और बैक्टीरिया के असर को कम किया जा सकता है।

स्वास्थ्य के लिए सतर्क रहने की जरूरत

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषित हवा में सांस लेने से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए शरीर को अंदर से मजबूत करना महत्वपूर्ण है। योग, व्यायाम, हेल्दी डाइट और पर्याप्त नींद शरीर की सुरक्षा क्षमता बढ़ाते हैं। इससे हवा में मौजूद अदृश्य बैक्टीरिया का असर कम होता है।

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