रुन्नीसैदपुर विधानसभा सीट 1951 में अस्तित्व में आई थी और 1952 से अब तक इस सीट पर कुल 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। शुरुआत के वर्षों में इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा और उसे शुरुआती सफलताएं मिलीं।
Runnisaidpur: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी तेज हो चुकी है और सभी निगाहें एक बार फिर रुन्नीसैदपुर विधानसभा सीट पर टिकी हैं। यह सीट हमेशा से जातीय समीकरण बनाम विकास के मुद्दों के बीच जंग का मैदान रही है। यहां यादव, मुस्लिम, ब्राह्मण, कुर्मी, पासवान और अन्य ओबीसी समुदायों की भूमिका निर्णायक रही है।
1951 में अस्तित्व में आई यह सीट 1952 से अब तक 17 विधानसभा चुनाव देख चुकी है। शुरुआती दौर में कांग्रेस ने यहां लगातार जीत दर्ज की, लेकिन बाद में यह सीट राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बीच खींचतान का गढ़ बन गई। दोनों ही पार्टियां इस सीट से अब तक तीन-तीन बार जीत चुकी हैं। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) आज तक यहां जीत का स्वाद नहीं चख सकी है।
जातीय समीकरण का खेल
रुन्नीसैदपुर की राजनीति को समझने के लिए यहां के जातीय संतुलन पर नज़र डालना जरूरी है। यादव और मुस्लिम समुदाय यहां मजबूत आधार रखते हैं, वहीं ब्राह्मण, कुर्मी, पासवान और अन्य पिछड़े वर्ग भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यही वजह है कि यहां के चुनाव अक्सर जातीय गठजोड़ और समीकरणों से प्रभावित होते हैं।
सिर्फ जाति ही नहीं, बल्कि स्थानीय मुद्दे भी चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। बाढ़, पलायन, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य संसाधनों की कमी यहां के लोगों की बड़ी चिंता रही है। इसलिए हर बार उम्मीदवार जातीय राजनीति के साथ-साथ विकास के वादों को भी सामने रखते हैं।
मतदाताओं की स्थिति
2020 के विधानसभा चुनाव में रुन्नीसैदपुर सीट पर 2,87,363 रजिस्टर्ड मतदाता थे। इनमें से मुस्लिम मतदाता 42,529 (14.80%) और अनुसूचित जाति के मतदाता 35,259 (12.27%) थे। 2024 लोकसभा चुनाव तक मतदाताओं की संख्या बढ़कर 2,91,217 हो गई। हालांकि, पलायन के चलते करीब 3,998 मतदाता बाहर चले गए। इस सीट पर मतदान का प्रतिशत हमेशा 53 से 55 प्रतिशत के बीच ही रहा है, जो बताता है कि यहां औसतन आधे से थोड़ा अधिक मतदाता ही वोट डालते हैं।
2020 विधानसभा चुनाव परिणाम
- 2020 के चुनाव में यहां मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा।
- जेडीयू उम्मीदवार पंकज कुमार मिश्रा ने जीत दर्ज की।
- उन्होंने राजद उम्मीदवार मंगीता देवी को 24,629 वोटों से हराया।
- पंकज कुमार मिश्रा को कुल 73,205 वोट, जबकि मंगीता देवी को 48,576 वोट मिले।
- यह नतीजा बताता है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू ने जातीय समीकरण और विकास के वादों का संतुलन साधते हुए जीत दर्ज की थी।
2015 विधानसभा चुनाव परिणाम
- 2015 में इस सीट पर सत्ता समीकरण उलट गया।
- राजद की मंगीता देवी ने जीत हासिल की।
- उन्होंने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के पंकज कुमार मिश्रा को 14,110 वोटों से हराया।
- मंगीता देवी को कुल 55,699 वोट, जबकि पंकज मिश्रा को 41,589 वोट मिले।
- यह चुनाव राजद के पक्ष में जातीय समीकरणों के मजबूत होने का संकेत था।
2010 विधानसभा चुनाव परिणाम
- 2010 में जनता दल यूनाइटेड ने यह सीट अपने नाम की थी।
- जेडीयू उम्मीदवार गुड्डी देवी ने जीत दर्ज की।
- उन्होंने राजद उम्मीदवार राम शत्रुघ्न राय को 10,759 वोटों से हराया।
- गुड्डी देवी को 36,125 वोट, जबकि राम शत्रुघ्न राय को 25,366 वोट मिले।
- यह दौर नीतीश कुमार की लोकप्रियता का था जब राज्यभर में जेडीयू को जबरदस्त समर्थन मिल रहा था।
2025 में क्या होंगे समीकरण?
अब 2025 के चुनाव में रुन्नीसैदपुर सीट पर फिर से RJD बनाम JDU की टक्कर देखने को मिल सकती है। जेडीयू अपने वर्तमान विधायक पंकज कुमार मिश्रा की जीत को दोहराने की कोशिश करेगी। वहीं, राजद इस सीट को फिर से अपने कब्जे में लेने के लिए जातीय समीकरण और मजबूत जमीनी पकड़ पर दांव लगाएगी।
बीजेपी अब तक इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी है, लेकिन 2025 में अगर वह NDA का हिस्सा बनती है तो जेडीयू के साथ गठबंधन के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से लाभ ले सकती है। दूसरी ओर, कांग्रेस या वामपंथी पार्टियां यहां सीधी टक्कर में कम ही नजर आती हैं।