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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: गुरुआ सीट पर सियासी दंगल, जानें पिछले चुनावों के नतीजे

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: गुरुआ सीट पर सियासी दंगल, जानें पिछले चुनावों के नतीजे

बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारियाँ अपने चरम पर हैं और सभी पार्टियों ने जोर-शोर से प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। गुरुआ विधानसभा सीट, जो गया जिले में आती है, इस बार काफी महत्वपूर्ण और रोमांचक रहने वाली है।

गुरुआ: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर गुरुआ विधानसभा सीट पर सियासी हलचल तेज हो गई है। जिले की यह महत्वपूर्ण सीट इस बार भी सुर्खियों में है। उम्मीदवार जनता के बीच पहुंचकर अपने प्रचार अभियान को तेज कर रहे हैं और मुकाबला बेहद रोचक होने वाला है। गुरुआ विधानसभा सीट, गया जिले के अंतर्गत आती है और पिछले कुछ चुनावों में यह राजद और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिला है। 

2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के विनय यादव ने भाजपा के राजीव नंदन डांगी को 6599 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी। विनय यादव को कुल 70,761 वोट मिले थे, जबकि राजीव नंदन डांगी को 64,162 वोट। तीसरे नंबर पर रहे बपसा के राघवेंद्र नारायण यादव को 15,235 वोट मिले।

पिछले चुनावों का इतिहास

गुरुआ विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास दर्शाता है कि यह क्षेत्र हमेशा भाजपा और राजद के बीच महत्वपूर्ण माना गया है।

  • 2020 का चुनाव: राजद के विनय यादव ने भाजपा के राजीव नंदन डांगी को 6599 वोटों से हराया। विनय यादव को कुल 70,761 वोट मिले। राजीव नंदन डांगी 64,162 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। तीसरे नंबर पर बपसा के राघवेंद्र नारायण यादव रहे, जिन्होंने 15,235 वोट हासिल किए।
  • 2015 का चुनाव: भाजपा के राजीव नंदन डांगी ने जेडीयू के रामचंद्र प्रसाद सिंह को 6,515 वोटों के अंतर से हराया। राजीव नंदन को कुल 56,480 वोट मिले, जबकि रामचंद्र प्रसाद सिंह को 49,965 वोट मिले।

इस प्रकार पिछले तीन दशकों में गुरुआ सीट ने भाजपा और राजद के बीच कई बार सत्ता परिवर्तन देखा है। 2000 से 2005 तक राजद ने लगातार तीन चुनाव जीते, जबकि 2010 और 2015 में भाजपा ने जीत हासिल की। 2020 में फिर से राजद ने सीट अपने नाम की।

2025 का चुनाव और सियासी समीकरण

इस बार गुरुआ सीट पर चुनाव और भी दिलचस्प होने वाला है। इसकी वजह है कि बिहार की नई पार्टी जनसुराज भी इस क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही है।

  • प्रशांत किशोर की नई पार्टी: जनसुराज पार्टी ने चुनावी रणनीति के तहत गुरुआ में अपने उम्मीदवार को उतारा है, जो कि राजद और भाजपा के लिए चुनौती साबित हो सकता है।
  • तेज प्रताप यादव की दावेदारी: राजद से निष्कासित तेज प्रताप यादव भी गुरुआ सीट पर चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला राजद और भाजपा दोनों के लिए चिंता का विषय बन सकता है।

इस चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि नवीन राजनीतिक ताकतें पुरानी पार्टियों को चुनौती दे पाती हैं या नहीं। गुरुआ सीट पर पिछले चुनावों का आंकड़ा यह दर्शाता है कि वोटरों की प्राथमिकता कभी-कभी बदलती रहती है और यहां के मतदाता चुनावी नतीजों को प्रभावित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

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