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नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने बढ़ाई बीजेपी की मुश्किल, क्रीमी लेयर व्यवस्था को लेकर पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने बढ़ाई बीजेपी की मुश्किल, क्रीमी लेयर व्यवस्था को लेकर पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर की व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि संविधान में सामाजिक न्याय की भावना के तहत पिछड़ा वर्ग को आरक्षण प्रदान किया गया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने एक बार फिर केंद्र सरकार के लिए राजनीतिक चुनौती खड़ी कर दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण में लागू क्रीमी लेयर व्यवस्था को समाप्त करने और आय सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये प्रतिवर्ष करने की मांग की है। 

चंद्रशेखर आज़ाद का कहना है कि क्रीमी लेयर की यह व्यवस्था संविधान में निहित सामाजिक न्याय की भावना के खिलाफ है और इससे बड़ी संख्या में पिछड़े वर्ग के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित होना पड़ रहा है।

चंद्रशेखर आज़ाद ने उठाया क्रीमी लेयर व्यवस्था पर सवाल

चंद्रशेखर आज़ाद ने पत्र में लिखा, संविधान प्रदत्त सामाजिक न्याय की भावना के अनुरूप अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया गया है। किंतु वर्तमान में लागू क्रीमी लेयर व्यवस्था, ओबीसी समाज के बड़े वर्ग को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित कर रही है। ये प्रावधान सामाजिक न्याय की मूल आत्मा के विपरीत और असंवैधानिक प्रतीत होते हैं।

उन्होंने आगे आग्रह किया कि सरकार संसद में बिल लाकर ओबीसी आरक्षण से क्रीमी लेयर व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त करे। चंद्रशेखर ने कहा कि जब तक यह व्यवस्था समाप्त नहीं होती, तब तक आय सीमा को तुरंत प्रभाव से 20 लाख रुपये प्रतिवर्ष बढ़ाकर अधिक से अधिक जरूरतमंद परिवारों तक लाभ पहुँचाया जाए।

सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम

नगीना सांसद ने अपने पत्र में यह भी कहा, प्रधानमंत्री जी, यह कदम न केवल ओबीसी समाज के लिए न्याय संगत होगा, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल साबित होगा। उन्होंने सरकार से अपील की कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार कर जल्द ठोस कदम उठाए जाएँ। चंद्रशेखर ने स्पष्ट किया कि यह मुद्दा सिर्फ राजनीति नहीं बल्कि संविधान में निहित अधिकारों की रक्षा का सवाल है।

इससे पहले अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ाने और व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की थी। अब चंद्रशेखर आज़ाद का समर्थन मिलने से यह मुद्दा और मजबूत हुआ है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आगामी चुनावों में बीजेपी के सामने एक चुनौती बन सकता है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहाँ ओबीसी समाज की बड़ी आबादी है।

केंद्र सरकार भी ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर की आय सीमा को एक समान करने पर विचार कर रही है। प्रस्तावित योजना के तहत सरकारी विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, विश्वविद्यालयों और निजी संस्थानों में ओबीसी के लिए एक समान आय सीमा लागू करने की बात कही जा रही है। इससे यह स्पष्ट होगा कि कौन इस श्रेणी में आएगा और किसे बाहर किया जाएगा।

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