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मुंबई में मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा पर स्याही फेंकने की घटना, राजनीतिक माहौल गरमाया

मुंबई में मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा पर स्याही फेंकने की घटना, राजनीतिक माहौल गरमाया

मुंबई के शिवाजी पार्क में बुधवार सुबह बड़ा विवाद खड़ा हो गया, जब बालासाहेब ठाकरे की पत्नी और उद्धव ठाकरे की मां मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा पर अज्ञात व्यक्ति ने लाल स्याही फेंक दी। घटना से शिवसैनिकों में आक्रोश फैल गया।

मुंबई: शिवाजी पार्क में बालासाहेब ठाकरे की पत्नी और उद्धव ठाकरे की मां, मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा पर बुधवार सुबह अज्ञात व्यक्ति ने लाल स्याही डाल दी, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। राहगीरों ने घटना देखी और तुरंत शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं को सूचना दी। कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर प्रतिमा की सफाई की और पुलिस को भी घटना की जानकारी दी। इस वारदात ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चिंता और गुस्सा दोनों ही पैदा कर दिया।

प्रतिमा पर स्याही फेंकने की घटना

प्रतिमा पर स्याही फेंकने की घटना बुधवार सुबह लगभग 6:00 बजे हुई। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। पुलिस ने प्रतिमा के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा शुरू कर दी और दोषी की पहचान के लिए आठ टीमें गठित की गईं। फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया, ताकि स्याही के नमूने इकट्ठे किए जा सकें और किसी भी डिजिटल और भौतिक सबूत की जांच की जा सके।

पुलिस ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और दोषियों को जल्दी से जल्दी पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। साथ ही लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की गई।

शिवसेना गुटों ने घटना को भावनाओं के खिलाफ बताया

इस घटना के बाद शिवसेना (यूबीटी) और शिंदे गुट दोनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। शिंदे गुट के नेता और महाराष्ट्र के गृह एवं राजस्व मंत्री योगेश कदम ने कहा कि मीनाताई ठाकरे हर शिवसैनिक के लिए मातृत्व की प्रतीक हैं और उनकी प्रतिमा पर रंग डालना पूरी पार्टी और कार्यकर्ताओं की भावनाओं के खिलाफ है।

वहीं, शिवसेना (यूबीटी) नेता महेश सामंन ने कहा कि मीनाताई ठाकरे को हर कार्यकर्ता अपना मार्गदर्शक और प्रेरक मानता है। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना उस समय हुई जब यूबीटी कार्यकर्ता भारत-पाक मैच के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, और इसे उनके प्रदर्शन का विरोध बताकर प्रतिमा का अपमान किया गया।

मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा का राजनीतिक महत्व

मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा बाल ठाकरे के आदेश पर शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम ने बनवाई और स्थापित कराई थी। यह प्रतिमा शिवसेना कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए भावनात्मक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। घटना के बाद यूबीटी नेता अनिल देसाई ने राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह घटना प्रशासन की सुरक्षा में चूक को दर्शाती है।

राजनीतिक गुटों के बीच यह मामला चर्चा का केंद्र बन गया है और इसे आगामी चुनावों और स्थानीय राजनीतिक तनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

जनता और शिवसैनिकों ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग की

प्रतिमा पर स्याही डालने के बाद स्थानीय लोग नाराज दिखे और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की। शिवाजी पार्क प्रशासन ने इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया और जनता से अपील की कि वे शांति बनाए रखें।

स्थानीय निवासियों और शिवसैनिकों ने प्रशासन से आग्रह किया कि भविष्य में ऐसे संवेदनशील स्थानों पर निगरानी बढ़ाई जाए, चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू किया जाए, ताकि किसी और अप्रिय घटना को रोका जा सके।

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