Odisha politics News: नवीन पटनायक के इरादे शीशे की तरह बिलकुल साफ, भाजपा का साथ नहीं देगी RJD, आखिर क्या हैं वजह?

Odisha politics News: नवीन पटनायक के इरादे शीशे की तरह बिलकुल साफ, भाजपा का साथ नहीं देगी RJD, आखिर क्या हैं वजह?
Last Updated: 25 जून 2024

सोमवार को 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत हो चुकी है। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को मौजूदगी में नवनिर्वाचि सांसदों ने शपथ ली। वहीं बीजद (बीजू जनता दल) के सुप्रीमो नवीन पटनायक ने अपने आवास पर पार्टी के राज्यसभा सांसदों के साथ  एक बैठक की। इसमें सोच समझकर फैसला लिया ि पार्टी उच् सदन में भाजपा का साथ देकर विपक्ष की भूमिका में नजर आएगी।

भुवनेश्वर: लोकसभा और राज्यसभा में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार को हर मुद्दे पर समर्थन देने वाली बीजू जनता दल (BJD) ने इस बार कड़ा रुख हुए यह निर्णय लिया है कि पार्टी उच् सदन में भाजपा का साथ देकर विपक्ष की भूमिका निभाएगी। बीजद प्रमुख नवीन पटनायक की अध्यक्षता में सोमवार (24 जून) को नवीन निवास में राज्यसभा सदस्यों की बैठक में यह निर्णय लिया गया था उन्होंने कहां कि जरूरत पड़ने पर सदन के मध्य भाग में आने से भी पार्टी कभी पीछे नहीं हटेगी।

लोकसभा की कमी को राज्यसभा में करेंगे पूरा

Subkuz.com ने सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि बीजू जनता दल राज्य के किसान, युवा, महिला, जनजाति प्रसंग, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे मुद्दे पर प्रदेश के भविष्य को लेकर लड़ाई लड़ेगी। पार्टी के राज्यसभा सदस्यों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहां कि वह लोकसभा की कमी को राज्यसभा में पूरा कर देंगे और अपन हक में फैसला लेकर आएंगे।

जानकारी के मुताबिक राज्यसभा सदस्य सस्मित पात्र ने कहां कि नवीन पटनायक केंद्र से विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग, राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण, ओडिशा कैपिटल तक रिंगरोड, रूरल हाउसिंग में ओडिशा को 20 लाख घर की सौगात, शिक्षा क्षेत्र में प्रत्येक ब्लाक में केंद्रीय विद्यालय खुलवाना, एम्स अस्पताल की मांग और महिला संरक्षण बिल का मुद्दा राज्यसभा में जोर शोर से उठाएंगे।

मुन्ना खान ने मिडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी ने केबीके समस्या एवं अल्पसंख्यकों की समस्या को उठाने के लिए कहा है और हम निश्चित रूप से सदन में इन मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाएंगे। बता दें कि ओडिशा में राज्यसभा की कुल 10 सीट में 9 सीट बीजद के खाते में है। लेकिन इस बार बीजद की लोकसभा चुनाव में करारी हार से कुल 21 सीट में से एक भी सीट पार्टी के पास नहीं हैं। इस कारण लोकसभा सदन में उनका बोलबाला नहीं होगा।

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