Columbus

PM Modi की थाईलैंड और श्रीलंका यात्रा, क्षेत्रीय सहयोग और विकास की नई पहल

🎧 Listen in Audio
0:00

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्रैल 2025 में थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा पर जाने वाले हैं। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम मोदी 3-4 अप्रैल 2025 को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक का दौरा करेंगे।

नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अप्रैल 2025 में थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा पर जाएंगे। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना और दोनों देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना है। पीएम मोदी 3 से 4 अप्रैल तक थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित होने वाले छठे बिम्सटेक (BIMSTEC) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद वे 4 से 6 अप्रैल तक श्रीलंका का दौरा करेंगे।

थाईलैंड दौरे का महत्व

प्रधानमंत्री मोदी का बैंकॉक दौरा कूटनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम है, क्योंकि वे इस दौरान बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह बैठक 2018 में नेपाल में आयोजित चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद पहली फिजिकल बैठक है। मार्च 2022 में कोलंबो में हुई पांचवीं बैठक वर्चुअल रूप में आयोजित की गई थी।

बिम्सटेक में भारत की भूमिका को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मोदी सुरक्षा, व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा सहयोग और मानव सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, पीएम मोदी की थाईलैंड के प्रधानमंत्री पोएटोंगटार्न शिनावात्रा के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी होगी। इस बैठक में दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए नए कदमों पर चर्चा की जाएगी।

श्रीलंका यात्रा: विकास और सहयोग पर फोकस

थाईलैंड के बाद प्रधानमंत्री मोदी 4 से 6 अप्रैल तक श्रीलंका का दौरा करेंगे। इस यात्रा में वे श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायका से मुलाकात करेंगे। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और सुदृढ़ बनाने पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका में भारतीय वित्तीय सहायता से चल रही विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। 

विशेष रूप से अनुराधापुरा में नई परियोजनाओं का शुभारंभ किया जाएगा। गौरतलब है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायका ने अपने कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा के रूप में भारत का दौरा किया था, जो दोनों देशों के मजबूत संबंधों को दर्शाता है।

क्षेत्रीय सहयोग को मिलेगी नई दिशा

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भूमिका को और मजबूती प्रदान करेगी। बिम्सटेक के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग के नए आयाम खुलेंगे। वहीं, श्रीलंका के साथ द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा का संचार होगा। इस यात्रा से न सिर्फ भारत-थाईलैंड और भारत-श्रीलंका संबंधों में सुधार होगा, बल्कि यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत भी होगा।

Leave a comment