Politics News: NDA के लिए चुनौती, चिराग पासवान ने फिर गठबंधन से बनायी दूरी, अन्य दलों ने किया जाति जनगणना का समर्थन

Politics News: NDA के लिए चुनौती, चिराग पासवान ने फिर गठबंधन से बनायी दूरी, अन्य दलों ने किया जाति जनगणना का समर्थन
Last Updated: 26 अगस्त 2024

देशभर में आगामी विधानसभा चुनावो को लेकर तैयारी की जा रही है इसी बीच केंद्र सरकार में मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान एक बार फिर NDA से अलग दिशा में नजर रहे हैं।

New Delhi: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक बार फिर NDA से अलग अपनी स्पष्ट राय व्यक्त की है। उन्होंने रविवार (25 अगस्त) को जातिगत जनगणना के समर्थन में अपने विचार रखे। चिराग ने कहा, "हम चाहते हैं कि जातिगत जनगणना की जाए।" बता दें कि इससे पहले भी चिराग पासवान जातिगत जनगणना के मुद्दे पर इसी तरह की राय व्यक्त कर चुके हैं। हाल ही में, उन्होंने लेटरल एंट्री के मामले पर भी अपने विरोध को स्पष्ट रूप से सामने रखा था।

चिराग रुख बदलने की कोशिश में

चिराग पासवान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा मुखिया अखिलेश यादव की मांग का समर्थन करते हुए कहा है, जिसे दोनों नेताओं ने पिछले लोकसभा चुनाव से उठाया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या चिराग को वोटों के समीकरण ने एनडीए से अलग दिशा में जाने के लिए मजबूर किया है या इसके पीछे कोई और कारण है।

चिराग की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी का मुख्य वोटर पासवान समुदाय है, जो बिहार में लगभग 5.31 प्रतिशत है। चिराग को अच्छी तरह पता है कि यदि उन्हें अन्य वर्गों का समर्थन नहीं मिलता, तो अकेले पासवान वोटर्स के सहारे कोई भी सीट जीतना मुश्किल होगा। कहा जा रहा है कि हाल के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीटों में कमी और आरजेडी, सपा जैसी पार्टियों के बेहतर प्रदर्शन के बाद, चिराग राजनीतिक माहौल को समझते हुए धीरे-धीरे अपना रुख बदलने की कोशिश कर रहे हैं।

फिर से रामविलास का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया 

दरअसल, रांची में रविवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को एक बार फिर से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। अध्यक्ष पद पर पुनः चयन के बाद, चिराग पासवान ने कहा, "आज रांची में हमारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें देश भर से हमारे कार्यकारिणी के सदस्य शामिल हुए।

 मुझे फिर से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया है।" इस अवसर पर जाति जनगणना के मुद्दे पर अपनी स्पष्ट राय व्यक्त करते हुए चिराग पासवान ने कहा, "मेरी पार्टी ने हमेशा जाति जनगणना के समर्थन में अपनी स्थिति को स्पष्ट किया है। हम जाति जनगणना कराना चाहते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि अक्सर राज्य और केंद्र सरकार ऐसी योजनाएं बनाती हैं जो जाति को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं। ये योजनाएं मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से तैयार की जाती हैं। कम से कम यह जानकारी होनी चाहिए ताकि संबंधित जाति को मुख्यधारा से जोड़ने या योजनाओं के तहत धन का वितरण उचित रूप से किया जा सके।

चिराग पासवान ने जताया विरोध

चिराग पासवान ने जातिगत जनगणना के संबंध में पहले भी अपनी राय स्पष्ट की है। केवल जातिगत जनगणना ही नहीं, बल्कि उन्होंने अपनी सहयोगी पार्टी के कई अन्य मामलों और मुद्दों पर भी विरोध किया है। हाल ही में, चिराग पासवान केंद्र सरकार की लेटरल एंट्री वाली भर्ती के खिलाफ खुलकर विरोध करते दिखाई दिए। इस मुद्दे पर विपक्षी दल पहले से ही सरकार की आलोचना कर रहे थे, जिसके परिणामस्वरूप केंद्र सरकार ने इस भर्ती प्रक्रिया को वापस लेने का निर्णय लिया। चिराग पासवान कई मौकों पर NDA के साथ अलग सुर में दिखाई दिए हैं।

NDA के अन्य दलों ने किया जाति जनगणना का समर्थन

पिछले जुलाई में चिराग पासवान ने जातिगत जनगणना का समर्थन किया था। पासवान ने अपनी पार्टी के माध्यम से जाति जनगणना के समर्थन में स्पष्ट रूप से कहा था कि यह अगली जनगणना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए, क्योंकि समुदाय-आधारित विकास योजनाओं के लिए उचित आंकड़ों की आवश्यकता होती है। हालांकि, उन्होंने इस डेटा को सार्वजनिक करने के खिलाफ भी अपनी चिंता व्यक्त की थी, यह कहते हुए कि इससे समाज में विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। एनडीए के अन्य दलों ने भी जाति जनगणना का समर्थन किया है, लेकिन चिराग पासवान का इस विषय पर विशेष जोर और डेटा की सार्वजनिकता को लेकर उनकी चिंताएं उन्हें अन्य दलों से अलग करते हैं।

 

Leave a comment