दिल्ली आबकारी मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया आज अपने विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज के एक सरकारी स्कूल पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने बच्चों से बातचीत की। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहां कि जब सुकेश चंद्रशेखर जेल से पत्र लिखते हैं तो उपराज्यपाल और उनका कार्यालय खुश हो जाता हैं, लेकिन जब दिल्ली के मुख्यमंत्री पत्र लिखते हैं तो उसे गंभीरता से नहीं लिया जाता हैं।
नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर कटाक्ष करते हुए कहां कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वतंत्रता के इस पवित्र अवसर पर तुच्छ राजनीति की जा रही है। उन्होंने आगे कहां कि मैं अखबारों में देखता हूं कि जब ठग सुकेश चंद्रशेखर पत्र लिखते हैं तो तिहाड़ जेल के अधिकारी उसे उपराज्यपाल के पास पहुंचाते हैं और उपराज्यपाल उस पर कार्रवाई करते हैं। लेकिन जब दिल्ली के निर्वाचित मुख्यमंत्री पत्र लिखते हैं तो उपराज्यपाल तिहाड़ के अधिकारियों को उन्हें पत्र भेजने से रोकने का आदेश देते हैं।
कोई नहीं रोक पाया दिल्ली में शिक्षा क्रांति - सिसोदिया
दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने घोषणा की कि जिन स्कूलों का उन्होंने शिलान्यास किया था, वे अब पूर्ण रूप से तैयार हो चुके हैं और शिक्षा मंत्री जी ने उनका उद्घाटन भी कर दिया है। इसके अलावा 18 नए SOSE शुरू किए गए हैं और एक नया खेल विद्यालय भी स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री जी के दृष्टिकोण के अनुसार बनाए गए सशस्त्र बल तैयारी विद्यालय के पहले बैच से 32 बच्चे NDA के लिए योग्य हो गए हैं, जिनमें से 8 बच्चे सेकंड लेफ्टिनेंट बन रहे हैं। मुझे ऐसा लग रहा था कि बीजेपी मुझे जेल में डालकर दिल्ली की शिक्षा क्रांति को रोकने की कोशिश कर रही है, लेकिन उनकी सभी साजिशों के बावजूद शिक्षा क्रांति रूकी नहीं।
सिसोदिया ने अपने विधानसभा क्षेत्र के सरकारी स्कूल का किया दौरा
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम सिसोदिया मंगलवार (१३ अगस्त) सुबह पटपड़गंज विधानसभा के सरकारी स्कूल पहुंचे। उन्होंने इस संबंध में अपने एक्स पर लिखा की "बच्चे भगवान का रूप होते हैं... आज सुबह पटपड़गंज विधानसभा के सरकारी स्कूल जाकर अपने भगवान से मुलाकात की। पिछले 17 महीनों में अगर मैंने किसी चीज़ को सबसे ज्यादा याद किया, तो वो है स्कूल जाकर बच्चों से मिलना, उनसे बातचीत करते हुए उनके साथ मुस्कुरान और ऊर्जा से भरे चेहरे देखना। इन बच्चों की मुस्कान मेरे लिए किसी वरदान से कम नहीं है।"