राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने दीया कुमारी के बारे में कहा कि वह झुंझुनू के राजपूत समाज की ठेकेदार बनने के लिए आई हैं। जब उनकी शादी हो रही थी, तब झुंझुनू समाज के लोग उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
राजस्थान: झुंझुनू विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी दावेदारी पेश करते हुए पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों प्रमुख पार्टियों पर तीखा हमला किया है। अपने बयान में गुढ़ा ने बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं को आड़े हाथ लिया और स्पष्ट किया कि उनकी जीत झुंझुनूं के विकास और समाज की भलाई के लिए है, न कि किसी राजनीतिक दल के लाभ के लिए।
दीया कुमारी पर बड़ा बयान
गुढ़ा ने बीजेपी की डिप्टी सीएम दीया कुमारी के खिलाफ तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "दीया कुमारी आज समाज की ठेकेदार बनकर झुंझुनू आई हैं। उनका विवाह सिटी पैलेस में नहीं हुआ, तो फिर उनकी शादी कहां हुई? मंडप कहां सजाया गया? वह झुंझुनू के राजपूत समाज की ठेकेदार बनने के लिए आई हैं।" गुढ़ा ने यह भी बताया कि जब दीया कुमारी की शादी हुई थी, तब झुंझुनू के समाज के लोग धरने पर बैठे थे, और आज वह उसी समाज का नेतृत्व करने का प्रयास कर रही हैं।
कांग्रेस पर किया गया कड़ा हमला
गुढ़ा ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, कांग्रेसियों, इन्हें ज्यादा तंग मत करो, वरना हालात बिगड़ जाएंगे। डॉक्टर असलम को घर बैठा दिया गया है, ओला परिवार को हमेशा के लिए घर में ही बिठा दो। उन्होंने यह भी कहा कि देश में 60 साल तक कांग्रेस का शासन रहा। लाल किला, ताजमहल और कुतुब मीनार बनाने वाला मुसलमान था। आज देश में जो स्थिति मुसलमानों की है, वह किसने बनाई? मुसलमान विदेशों में जाकर अपने परिवार का पालन कर रहे हैं।
इन नेताओं ने मुसलमानों के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। पहले 51 प्रतिशत मुसलमान सरकारी नौकरियों में थे, आज यह आंकड़ा 1 प्रतिशत से भी नीचे चला गया है। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू तीन बार, इंदिरा गांधी 17 साल, मनमोहन सिंह 10 साल, राजीव गांधी 5 साल और नरसिंह राव प्रधानमंत्री रहे। 60 साल कांग्रेस का शासन रहा, फिर भी मुसलमानों की हालत खराब क्यों है? पहली बार आप राजेंद्र गुढ़ा के साथ खड़े हों, आपको लगेगा कि विधानसभा में आपका भाई खड़ा है।
मुख्यमंत्री और मंत्री-विधायक पर हमला
पूर्व मंत्री ने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा, "झुंझुनू में बीजेपी के 10-10 मंत्री डेरा डाले हुए हैं। यहां 20 से 30 विधायक भी मौजूद हैं। मेरा क्या बिगाड़ सकते हैं? उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी और कांग्रेस की पूरी ताकत झुंझुनू में सक्रिय है, लेकिन वे उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
गुढ़ा ने यह भी स्पष्ट किया कि जब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों जैसे अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे और भजनलाल के खिलाफ कोई ढील नहीं दी, तो भजनलाल उनके लिए क्या कर सकते हैं?
उपचुनाव में मुकाबला
झुंझुनू विधानसभा उपचुनाव में राजेंद्र सिंह गुढ़ा की उपस्थिति ने चुनावी स्थिति को त्रिकोणीय बना दिया है। बीजेपी ने राजेंद्र भांबू को एक बार फिर प्रत्याशी के रूप में चयनित किया है, जबकि उन्हें पहले 2018 में भी उम्मीदवार बनाया गया था।
इसके बाद भांबू ने बागी होकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था। उपचुनाव में राजेंद्र भांबू को प्रत्याशी बनाने पर बबलू चौधरी ने विरोध जताते हुए बगावत की राह पकड़ ली थी। हालांकि, बीजेपी के आलाकमान ने बाद में बबलू को मनाकर स्थिति को संभाल लिया। दूसरी ओर, कांग्रेस ने सांसद बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला को मैदान में उतारने का निर्णय लिया है।
राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने उपचुनाव में अपनी संपूर्ण ताकत झोंक दी है और दोनों प्रमुख दलों को नुकसान पहुंचाने का दावा किया है। वह अपने पुराने समर्थकों और सामाजिक ताने-बाने को एकजुट करने में जुटे हुए हैं, ताकि झुंझुनू में सफलता हासिल की जा सके।