Scam Alert: महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से होने जा रही है। 45 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से संगम नगरी प्रयागराज पहुंचकर गंगा-यमुनाजी के संगम में डुबकी लगाएंगे। यह एक ऐसा धार्मिक आयोजन है जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में अपनी आस्था के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन इस बार महाकुंभ के इस आयोजन पर साइबर ठगों की नज़र भी गड़ी हुई है। फर्जी वेबसाइटों और लिंक के माध्यम से लोग धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं।
पुलिस का अलर्ट फर्जी वेबसाइटों से रहें सतर्क
महाराष्ट्र के पिंपरी-चिंचवाड़ साइबर क्राइम पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे महाकुंभ 2025 से जुड़ी सभी जानकारियाँ और बुकिंग सेवाएँ केवल आधिकारिक वेबसाइटों से प्राप्त करें। साथ ही, उन्होंने लोगों को फर्जी वेबसाइटों और लिंक्स के खतरों से अवगत कराते हुए एक चेतावनी जारी की है। गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने भी इस धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे को गंभीरता से लिया हैं।
कैसे करते हैं साइबर ठग ठगी?
• चंदे के नाम पर धोखाधड़ी: फर्जी वेबसाइटें और प्लेटफॉर्म्स श्रद्धालुओं से धर्मार्थ चंदे के नाम पर पैसे मांग रही हैं।
• बुकिंग के नाम पर ठगी: कई ठगों द्वारा होटल, टेंट, और ठहरने के स्थानों की बुकिंग के नाम पर श्रद्धालुओं से पैसे लिए जा रहे हैं।
• वायरस लिंक का जाल: कुछ फर्जी लिंक और वेबसाइटों के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को वायरस वाली फाइलें डाउनलोड करने के लिए कहा जा सकता है, जिससे हैकर्स उनके व्यक्तिगत डेटा को चुरा सकते हैं।
ठगी से बचने के उपाय
• संदिग्ध लिंक और वेबसाइट से बचें: किसी भी अज्ञात या संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें। यह लिंक धोखाधड़ी का कारण बन सकते हैं।
• आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें: महाकुंभ से जुड़ी सारी जानकारी और सेवाएँ केवल आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त करें।
• गोपनीय जानकारी साझा न करें: किसी भी अनजान व्यक्ति या वेबसाइट से अपनी बैंक डिटेल्स, पासवर्ड या अन्य संवेदनशील जानकारी साझा न करें।
• साइबर क्राइम हेल्पलाइन से संपर्क करें: यदि आपको धोखाधड़ी का संदेह हो, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर संपर्क करें।
फर्जी वेबसाइटों की पहचान कैसे करें?
• साइबर ठगों से बचने के लिए फर्जी वेबसाइटों की पहचान करना बहुत जरूरी है। पुलिस ने कुछ उपाय दिए हैं जिनसे आप फर्जी वेबसाइटों से बच सकते हैं।
• वेबसाइट का URL जांचें: सरकारी और आधिकारिक वेबसाइटों के URL आमतौर पर “.gov.in” या “.nic.in” से समाप्त होते हैं।
• संदिग्ध ईमेल या मैसेज: यदि आपको किसी संदिग्ध ईमेल या मैसेज में दिए गए लिंक से संबंधित जानकारी मिलती है, तो उस लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करें।
• एप्लिकेशन और फाइल्स से बचें: अनजान एप्लिकेशन या फाइल को डाउनलोड करने से बचें, क्योंकि ये आपके डिवाइस में वायरस डाल सकते हैं।
महाकुंभ 2025 आस्था और सतर्कता का समागम
महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक धरोहर और आस्था का प्रतीक भी है। इस आयोजन में करोड़ों लोग शामिल होते हैं, और उनका विश्वास इस पर्व की महत्ता को और बढ़ाता है। ऐसे में श्रद्धालुओं से अपील की जाती है कि वे अपने आस्थाओं के साथ-साथ सतर्कता भी बनाए रखें। साइबर ठगों के प्रयासों से बचने के लिए थोड़ी सी जागरूकता और सतर्कता बहुत आवश्यक हैं।