Canada New PM: कनाडा में भारतवंशी के हाथ में सत्ता? चंद्र आर्य ने पीएम पद के लिए किया नामांकन

Canada New PM: कनाडा में भारतवंशी के हाथ में सत्ता? चंद्र आर्य ने पीएम पद के लिए किया नामांकन
Last Updated: 10 घंटा पहले

कनाडा के प्रधानमंत्री पद से जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद वहां की राजनीति गरमाई हुई है। कुछ ही दिनों में कई नेताओं ने दावेदारी पेश की, जिनमें भारतवंशी सांसद चंद्र आर्य भी शामिल हैं।

Canada New PM: कनाडा के प्रधानमंत्री पद से जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की घोषणा के बाद भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने इस पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। आर्य ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं।

आर्य का बयान: “मैं अगला प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में”

चंद्र आर्य ने अपनी पोस्ट में कहा, "मैं अपने देश के पुनर्निर्माण और भावी पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में हूं। हम गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं और इन्हें सुलझाने के लिए साहसिक निर्णय लेने होंगे। ये निर्णय हमारी अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करेंगे और सभी कनाडाई नागरिकों के लिए समान अवसर पैदा करेंगे।"

चंद्र आर्य का भारतीय मूल

चंद्र आर्य का जन्म भारत के कर्नाटक राज्य के तुमकुर जिले में हुआ था। वह 2006 में कनाडा चले गए और 2015 के कनाडाई संघीय चुनाव में सांसद चुने गए। इसके बाद 2019 और 2021 में भी उन्होंने चुनाव जीते। आर्य ने अपनी मातृभाषा कन्नड़ में संसद में भाषण देकर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी स्थापित किया। 2022 में, वह कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में कन्नड़ भाषा में बोलने वाले पहले सांसद बने थे।

जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा

जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को घोषणा की थी कि वह अपनी पार्टी द्वारा नए उत्तराधिकारी का चयन करने के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। ट्रूडो के कार्यकाल में भारत और कनाडा के रिश्ते तनावपूर्ण रहे, विशेष रूप से खालिस्तान मुद्दे पर। ट्रूडो इस मामले में प्रभावी निपटारा करने में असमर्थ रहे थे, जिससे उनके खिलाफ आलोचनाएं उठी थीं।

चंद्र आर्य की उम्मीदवारी पर ध्यान

चंद्र आर्य की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी अब कनाडा की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। उनके समर्थकों का मानना है कि वह कनाडा की मौजूदा समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, जबकि आलोचक इसे एक चुनौतीपूर्ण कदम मानते हैं। अब देखना यह है कि आर्य की यह दावेदारी कितनी आगे बढ़ पाती है और वे अपनी राजनीतिक यात्रा में किस प्रकार से सफलता प्राप्त करते हैं।

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