सड़क की पटरियों पर अतिक्रमण का चिन्हांकन कर निशान लगा दिए गए हैं। यात्रा के दौरान उत्पात के बाद अब कस्बे में एक बार फिर से अभियान चलने की संभावनाएं बढ़ती दिखाई दे रही हैं। इस विषय में जिम्मेदार अधिकारी खुलकर बोलने से बच रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि अतिक्रमण के खिलाफ अभियान अवश्य चलेगा। इसके तहत बवाल के आरोपियों के आशियाने भी निगरानी में आ सकते हैं।
Bahraich: महराजगंज में हालिया बवाल के बाद अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है। पहले से ही अतिक्रमण की पहचान की जा चुकी है। गुरुवार को राजस्व और लोक निर्माण विभाग की टीम ने现场 पहुंचकर स्थिति का निरीक्षण किया। हालांकि, इस मुद्दे पर अधिकारी अभी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। लेकिन, बवाल के मुख्य आरोपी के साथ-साथ 30-40 मकान अवैध अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया के तहत ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में शामिल हो सकते हैं।
अवैध अतिक्रमण के खिलाफ चलाया था अभियान
ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर कुछ दिन पहले महसी के विभिन्न कस्बों में चौक-चौराहों पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ एक अभियान चलाया गया था। महराजगंज कस्बे में सड़क की पटरियों पर अतिक्रमण का चिह्नाकन कर निशान लगाए जा चुके हैं। प्रतिमा विसर्जन यात्रा के दौरान उत्पन्न हुए विवाद के बाद अब एक बार फिर कस्बे में अभियान चलाने की संभावना बढ़ गई है।
इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी बयान देने से बच रहे हैं, लेकिन यह माना जा रहा है कि अतिक्रमण के खिलाफ अभियान अवश्य चलेगा और इसके दायरे में बवाल के आरोपियों के आशियाने भी शामिल होंगे। अतिक्रमण हटाने के सवाल पर एसडीएम अखिलेश कुमार सिंह ने केवल इतना कहा कि कुछ आटो पार्ट्स या अन्य दुकानों के मालिक अतिक्रमण कर लेते हैं। ग्रामीणों ने एक बार फिर अतिक्रमण की शिकायत की है। मामले की जांच की जा रही है, और उच्चाधिकारियों के निर्देशों के बाद अगली कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
सड़क पर अतिक्रमण: टकराव के लिए ज़िम्मेदार
ग्रामीणों का कहना है कि महराजगंज कस्बे में दुकानदारों ने टीन शेड लगाकर अतिक्रमण कर लिया है, जिससे सड़क बेहद संकरी हो गई है। लोक निर्माण विभाग के मानकों के अनुसार, अब सड़क की स्थिति ऐसी है कि इसका उपयोग करना मुश्किल हो गया है। इस अतिक्रमण के कारण शोभायात्रा और अन्य कार्यक्रमों के दौरान भीड़भाड़ होने पर आवागमन में कई समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। इसी कारण महराजगंज में हाल ही में हुई बवाल को भी अतिक्रमण का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
मुठभेड़ के बाद अस्पताल बना पुलिस छावनी
गुरुवार को गिरफ्तार किए गए पांच आरोपितों में से दो पुलिस मुठभेड़ के दौरान घायल हो गए। उनका इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है। सुरक्षा कारणों से, आरआरएफ जवानों के साथ पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, जिससे अस्पताल को एक छावनी में बदल दिया गया है। रविवार को विसर्जन के दौरान जिस निर्लज्जता से रामगोपाल की गोली मारकर हत्या की गई थी, उसके बाद जिले में हिंसा भड़क उठी थी। हालात इतने गंभीर हो गए थे कि एडीजी कानून व्यवस्था और एसटीएफ के प्रमुख अमिताभ यश तथा गृह सचिव को बहराइच आकर स्थिति को संभालना पड़ा।
सीएम ने कार्रवाई का दिया आदेश
मुख्यमंत्री ने भी पीड़ित परिवार को आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया था। इस मामले में रिंकू उर्फ सरफराज, तालिब उर्फ सबलू, अब्दुल हमीद, फहीम और अफजल को गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार को हत्याकांड में प्रयुक्त असलहे की बरामदगी के लिए पुलिस के साथ गए रिंकू उर्फ सरफराज और तालिब उर्फ सबलू ने पुलिस पर फायरिंग कर दी।
जवाबी कार्रवाई में दोनों आरोपित गोली लगने से घायल हो गए। घटना के बाद उन्हें जिला अस्पताल लाया गया। अस्पताल परिसर को अब पुलिस छावनी में परिवर्तित कर दिया गया है। इस दौरान पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ल, एएसपी रामानंद कुशवाहा और अन्य पुलिस अधिकारी अस्पताल में मौजूद थे।