इंडिया ब्लॉक नेताओं की बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में भाग नहीं लिया। तृणमूल ने कहा कि वह अदाणी मामले पर संसद में व्यवधान नहीं डालेगी, जबकि कांग्रेस इस पर चर्चा की मांग कर रही है।
Winter Session of Parliament: आज कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में आयोजित इंडिया ब्लॉक नेताओं की बैठक में तृणमूल कांग्रेस ने भाग नहीं लिया। पार्टी ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह अदाणी मामले पर संसद में व्यवधान डालने के मुद्दे पर कांग्रेस के साथ नहीं खड़ी होगी। तृणमूल कांग्रेस का रुख इस बात से साफ है कि वह कांग्रेस की रणनीतियों से असहमत है, जो संसद में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान कामकाजी माहौल को प्रभावित करने के प्रयास कर रही है।
तृणमूल ने इस तरह की राजनीति से बचते हुए संसद की कार्यवाही में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने का निर्णय लिया है। पार्टी का मानना है कि संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक स्थिर और व्यवस्थित दृष्टिकोण की आवश्यकता है, न कि एक ऐसा माहौल जो केवल असहमति और विवाद पैदा करे।
कांग्रेस की अडानी मामले पर चर्चा की मांग
कांग्रेस ने अदाणी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग पर संसद में विस्तृत चर्चा की मांग की है। इसके लिए कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस भी दिया है, ताकि इस मुद्दे पर तात्कालिक चर्चा हो सके। कांग्रेस का कहना है कि अदाणी समूह पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए इसे संसद में बहस का विषय बनाना चाहिए।
पार्टी ने यह भी मांग की है कि संसद में इस मुद्दे पर सभी कामकाज स्थगित कर दिए जाएं ताकि मुद्दे पर गंभीर और सटीक चर्चा हो सके। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि यदि इस पर तत्काल चर्चा नहीं की जाती, तो यह आरोप पूरी तरह से दब सकते हैं और आम जनता के सामने नहीं आ पाते।
संसद की कार्यवाही स्थगित
संसद की कार्यवाही कई दिनों से विभिन्न कारणों से बाधित हो रही है, जिसके कारण विपक्षी दलों का गुस्सा बढ़ रहा है। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने चक्रवात फेंगल से हुए नुकसान, उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा, बांग्लादेश में इस्कॉन साधुओं पर हमले और पंजाब में धान की खरीद में देरी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की मांग की है।
इन मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार इन घटनाओं पर चुप है और इनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। संसद की कार्यवाही में रुकावटें और सरकार की निष्क्रियता के कारण विपक्षी दलों में असंतोष बढ़ गया है और वे इसे लोकतंत्र के लिए खतरे के रूप में देख रहे हैं।
अदाणी समूह का बचाव
अदाणी समूह ने अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा लगाए गए रिश्वतखोरी के आरोपों को सिरे से नकारा किया है। समूह ने कहा कि गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और वरिष्ठ कार्यकारी विनीत जैन इन आरोपों से पूरी तरह से मुक्त हैं। गौतम अडानी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब उनके समूह को ऐसे आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे हमले समूह को कमजोर नहीं कर सकते, बल्कि यह हर बार उन्हें और भी मजबूत बनाते हैं। अदाणी समूह का यह बयान इस बात को स्पष्ट करता है कि वे इन आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित मानते हैं और उनका मानना है कि सरकार या उनके विरोधियों द्वारा उठाए गए ऐसे मामले कभी भी उनके व्यापार को प्रभावित नहीं कर सकते।
तृणमूल कांग्रेस का बंगाल मुद्दों पर जोर
तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और पार्टी के नंबर दो नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी शीतकालीन सत्र के दौरान बंगाल के मुद्दों को प्राथमिकता देगी। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह बंगाल का बकाया रोककर राज्य की आर्थिक स्थिति को खराब करने की कोशिश कर रही है। बनर्जी ने कहा कि यह समय है कि संसद में बंगाल के मुद्दों पर चर्चा हो और केंद्र से राज्य को उसकी पूरी राशि जारी करने की मांग की जाए।
तृणमूल का रुख इस बात पर भी स्पष्ट है कि वे बंगाल के विकास और राज्य के हितों के लिए संसद में मजबूती से खड़े रहेंगे। अभिषेक ने यह भी कहा कि कांग्रेस से पूछिए, उनका क्या रुख है, क्योंकि उन्होंने कभी भी बंगाल के मुद्दों पर इतने स्पष्ट रूप से बात नहीं की है।