Bangladesh News: बांग्लादेश में सनातन जागरण मंच ने किया बड़ा प्रदर्शन; रैली में उमड़ा जन सैलाब, मोहम्मद यूनुस सरकार को दिया अल्टीमेटम

Bangladesh News: बांग्लादेश में सनातन जागरण मंच ने किया बड़ा प्रदर्शन; रैली में उमड़ा जन सैलाब, मोहम्मद यूनुस सरकार को दिया अल्टीमेटम
Last Updated: 1 दिन पहले

चटगांव, बांग्लादेश में हाल ही में सनातन जागरण मंच ने हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरोध में एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया। इस विरोध प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हुए, जिन्होंने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के सामने आठ सूत्रीय मांगें रखीं।

ढाका: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा और असुरक्षा के माहौल के खिलाफ चटगांव के ऐतिहासिक लालदीघी मैदान में एक बड़ी रैली का आयोजन किया गया। इस रैली में हजारों की संख्या में हिंदू समुदाय के लोग शामिल हुए, जिन्होंने अपनी सुरक्षा और सम्मान की मांग उठाई। इसका आयोजन सनातन जागरण मंच ने किया, जो देश में हिंदू अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। प्रदर्शनकारियों ने मांगों की सूची पेश की है और अंतरिम सरकार के नेतृत्व में मोहम्मद यूनुस को इन मांगों को पूरा करने के लिए चेतावनी दी।

लेखिका तसलीमा नसरीन ने भी रैली का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे की ओर ध्यान खींचने में सहायक साबित हुआ। इस रैली को हाल ही में शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद हिंदू समुदाय द्वारा आयोजित सबसे बड़ी रैली कहा जा रहा है। सनातन जागरण मंच के नेताओं ने घोषणा की कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे ढाका में भी विरोध प्रदर्शन करेंगे।

हिंदू समुदाय के लोगों ने रखी आठ मांगे

* न्यायाधिकरण का गठन – एक विशेष न्यायाधिकरण की स्थापना की मांग की गई है, जो अल्पसंख्यकों पर हमलों के मामलों में फास्ट ट्रैक मुकदमे चलाकर दोषियों को शीघ्र सजा दे सके।

* मुआवजा और पुनर्वास – हिंसा के शिकार हुए अल्पसंख्यकों को मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा प्रदान करने की मांग रखी गई है, ताकि वे आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस कर सकें।

* अल्पसंख्यक संरक्षण कानून का कार्यान्वयन – अल्पसंख्यक संरक्षण कानून को तुरंत प्रभाव से लागू करने की मांग है, जिससे उनके अधिकारों की रक्षा हो सके।

* अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का गठन – एक विशेष मंत्रालय की स्थापना की मांग की गई है जो अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों को सीधे तौर पर देखे और उनका समाधान करे।

* शैक्षणिक संस्थानों में मंदिरों का निर्माण – शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए हिंदू मंदिरों के निर्माण की मांग की गई है।

* कल्याण ट्रस्ट का फाउंडेशन में परिवर्तन – हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों के लिए बनाए गए कल्याण ट्रस्ट को एक फाउंडेशन के रूप में बदलने की मांग है, ताकि इन्हें अधिक अधिकार और स्वतंत्रता मिल सके।

* संपत्ति कानून का सख्ती से पालन – संपत्ति अधिकार कानून को सख्ती से लागू करने की मांग की गई है, ताकि अल्पसंख्यकों की संपत्ति की सुरक्षा हो सके।

* संस्कृत और पाली शिक्षा बोर्ड का आधुनिकीकरण – शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए संस्कृत और पाली शिक्षा बोर्ड को आधुनिक बनाने की मांग रखी गई है। इसके अतिरिक्त, दुर्गा पूजा के दौरान पांच दिनों की छुट्टी की भी मांग की गई है, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय अपने धार्मिक त्योहारों को बिना किसी बाधा के मना सकें।

हिन्दुओं के साथ घटित हुई ये घटना

बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से देश में हिंदू समुदाय पर हमलों की घटनाएं तेज हो गई हैं। बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस के अनुसार, इस तख्तापलट के बाद 48 जिलों में 278 स्थानों पर हिंदू धार्मिक स्थलों और संपत्तियों को क्षति पहुंचाई गई। रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि कई स्थानों पर हिंदू शिक्षकों को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।

8 अगस्त को मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुखिया के रूप में शपथ ली और उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा का वादा किया। इसके बावजूद, हालात में सुधार देखने को नहीं मिला है। विभिन्न छात्र समूहों और कट्टरपंथी संगठनों, जैसे जमात-ए-इस्लामी, ने हिंदू समुदाय को धमकियां दी हैं, जिसमें उन्हें प्रदर्शन न करने और देश छोड़ने की चेतावनी शामिल है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा के मुद्दे को उठाया है और उनकी सुरक्षा की मांग की हैं।

 

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