Bangladesh News: बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी को लगा इक और बड़ा झटका, स्टूडेंट विंग पर लगा प्रतिबंध; एंटी टेरर कानून के तहत लिया गया फैसला

Bangladesh News: बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी को लगा इक और बड़ा झटका, स्टूडेंट विंग पर लगा प्रतिबंध; एंटी टेरर कानून के तहत लिया गया फैसला
Last Updated: 24 अक्टूबर 2024

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी, अवामी लीग की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र लीग (BCL) पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम हसीना सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद उठाया गया है, जिनमें छात्र लीग पर हिंसा और प्रदर्शनकारियों पर हमले करने के आरोप लगे थे।

ढाका: बांग्लादेश में एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं, और इसी बीच एक महत्वपूर्ण राजनीतिक फैसला लिया गया है। अंतरिम सरकार, जो कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में काम कर रही है, ने शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग की छात्र शाखा बांग्लादेश स्टूडेंट लीग (BCL) पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 2009 के आतंकवाद विरोधी कानून के तहत लगाया गया है, जिसका उद्देश्य देश में हो रही हिंसा और अस्थिरता को नियंत्रित करना हैं।

सरकार ने बुधवार को एक गजट जारी कर इस फैसले की घोषणा की। इस प्रतिबंध को शेख हसीना और उनकी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि BCL अवामी लीग की प्रमुख शक्ति और समर्थन आधार रहा है। BCL पर अतीत में कई हिंसक गतिविधियों और छात्रों के प्रदर्शन को दबाने के आरोप लगे थे, जो कि सरकार के खिलाफ चल रहे थे।

क्यों किया स्टूडेंट विंग बैन?

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बांग्लादेश स्टूडेंट लीग (BCL) पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस पर प्रतिबंध लगाया है। गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, BCL को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल पाया गया है। इन गतिविधियों में हत्या, प्रताड़ना, कॉलेज परिसरों में उत्पीड़न, छात्र डॉर्मिटरी में सीट ट्रेडिंग, टेंडर में हेरफेर, दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न शामिल हैं।

अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि BCL के पास ऐसी गतिविधियों में लिप्त होने के पर्याप्त सबूत हैं, और वे शेख हसीना सरकार के पतन के बाद भी राज्य के खिलाफ षड्यंत्र और विनाशकारी कार्यों में संलग्न रहे। भेदभाव विरोधी आंदोलन के दौरान, BCL के सदस्यों द्वारा विरोध करने वाले छात्रों और आम जनता पर हथियारों से हमला करने के आरोप भी लगाए गए हैं, जिससे सैकड़ों निर्दोष लोगों की मौत हुई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए।

राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा...

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा बांग्लादेश स्टूडेंट लीग पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय ऐसे समय में आया है जब देश में राजनीतिक तनाव चरम पर है। यह फैसला तब लिया गया, जब प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के आधिकारिक आवास, बंगभवन, पर धावा बोलने की कोशिश की थी। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि राष्ट्रपति शहाबुद्दीन इस्तीफा दें, खासकर उनके उस बयान के बाद जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके पास इस बात का कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं है कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से अगस्त में इस्तीफा दिया था, जब छात्रों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे थे।

शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश में अवामी लीग को कमजोर करने और उसके प्रभाव को समाप्त करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। सरकार द्वारा अवामी लीग के छात्र विंग पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ इस संगठन के हिंसक गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों को भी आधार बनाया गया है। विरोधी दल लंबे समय से अवामी लीग और उसके समर्थकों पर हिंसा और अराजकता फैलाने के आरोप लगाते रहे हैं।

 

 

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