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इमरान समर्थकों का हिंसक प्रदर्शन: इस्लामाबाद में बेकाबू भीड़, 4 रेंजर्स शहीद, Shoot at Sight का आदेश

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पाकिस्तान में इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे पीटीआई समर्थकों का विरोध अब हिंसा में बदल चुका है। राजधानी इस्लामाबाद में प्रदर्शनकारियों ने रेंजर्स के जवानों पर वाहन चढ़ा दिया, जिससे चार जवानों और दो पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई। हालात को नियंत्रित करने के लिए सेना बुला ली गई है, और देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए हैं।

श्रीनगर हाईवे पर बढ़ा तनाव

घटना श्रीनगर हाईवे पर हुई, जहां प्रदर्शनकारियों ने पैराट्रूपर्स को गाड़ियों से कुचल दिया। इस हमले में चार जवानों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हुए। दो पुलिस अधिकारियों ने भी जान गंवाई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।

PTI का आरोप: शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर दमन

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर क्रूर बल का इस्तेमाल किया है। पीटीआई ने आरोप लगाया कि 20 प्रदर्शनकारियों को गोली मार दी गई और रबर की गोलियों और स्टन ग्रेनेड का भी उपयोग किया गया। पार्टी ने इसे "फासीवादी शासन द्वारा जनादेश की चोरी" करार दिया।

प्रदर्शनकारियों की मांग

पीटीआई समर्थक तीन प्रमुख मांगों को लेकर विरोध कर रहे हैं।

26वें संशोधन को रद्द किया जाए।

संविधान की बहाली सुनिश्चित हो।

राजनीतिक कैदियों की रिहाई हो।

पीएम शहबाज शरीफ की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पुलिस और रेंजर्स की मौत पर दुख जताया और दोषियों को सख्त सजा देने का आदेश दिया। उन्होंने कहा, "शांतिपूर्ण प्रदर्शन के नाम पर सुरक्षा बलों पर हमला निंदनीय है।"

गृह मंत्रालय का बयान

गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने प्रदर्शनकारियों को हिंसा का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उन्हें कानून के दायरे में लाया जाएगा। सेना को बुलाने और सख्ती से निपटने के आदेश दिए गए हैं ताकि स्थिति को जल्द काबू में लाया जा सके।

स्थिति गंभीर, इंटरनेट सेवाएं बंद

स्थिति बिगड़ती देख कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। राजधानी के प्रमुख हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया है। हिंसा के दौरान अब तक एक नागरिक की मौत भी हो चुकी है।

पाकिस्तान के लिए यह संकट एक बड़ी चुनौती बन चुका है, जिसका असर देश की आंतरिक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय छवि पर पड़ सकता है।

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