मार्को रुबियो ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए पाकिस्तान से भारत के साथ संबंध सुधारने और शांति की दिशा में काम करने की अपील की है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ एक अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। इस हमले के बाद, अमेरिका समेत कई देशों ने भारत के साथ खड़े होने का ऐलान किया है और पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता बढ़ रही है और भारत को इस लड़ाई में पूरी तरह से समर्थन मिल रहा है।
अमेरिका का भारत के साथ आतंकवाद विरोधी समर्थन
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से बात की और पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने पाकिस्तान से इस हमले की पूरी जांच करने और इसके दोषियों को सजा दिलाने की मांग की। रुबियो ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि वह भारत से बढ़ते तनाव को कम करने के लिए संवाद स्थापित करने और दक्षिण एशिया में शांति बनाए रखने के लिए कदम उठाए। अमेरिका ने इस हमले के बाद भारत को आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में पूर्ण सहयोग देने का वादा किया।
इसके अलावा, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी बात की और पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ अपने समर्थन को फिर से दोहराया और कहा कि अमेरिका हमेशा भारत के साथ खड़ा रहेगा।
ब्रिटेन, फ्रांस और अन्य देशों का मजबूत समर्थन
अमेरिका के अलावा, ब्रिटिश प्रधानमंत्री केयर स्टॉर्मर ने भी पीएम मोदी से फोन पर बात की और पहलगाम हमले को बर्बर करार दिया। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन इस कठिन समय में भारत के साथ खड़ा है। इसके बाद, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक शूफ और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने भी पीएम मोदी से बात की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ पूरी तरह से सहयोग का वादा किया।
इससे भी महत्वपूर्ण, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी, और जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय ने भी पीएम मोदी से फोन पर बात की। सभी नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का समर्थन किया और कहा कि भारत अकेला नहीं है, पूरी दुनिया उसके साथ है। इसके साथ ही, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने भी गुरुवार को पीएम मोदी से फोन किया और भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समर्थन दिया।
पाकिस्तान पर बढ़ता अंतर्राष्ट्रीय दबाव
अब पाकिस्तान पर दबाव बढ़ गया है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के कई प्रमुख देश भारत के साथ खड़े हैं और पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। अमेरिका ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह भारत के खिलाफ आतंकवादियों की कोई कार्रवाई में साथ देगा और आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन करेगा।
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बात की थी। उन्होंने पहलगाम हमले के दोषियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए अमेरिका का समर्थन देने का वादा किया था। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका भारत के साथ पूरी तरह से खड़ा है और दोषियों को सजा दिलाने के लिए किसी भी कदम को उठाने में मदद करेगा।
पाकिस्तान की धमकियों का असली चेहरा
हालांकि, पाकिस्तान की तरफ से वादी बयानबाजी जारी है। पाकिस्तान ने यह दावा किया है कि उसका पहलगाम हमले से कोई लेना-देना नहीं है, और यदि उसे उकसाया गया तो वह कड़ी प्रतिक्रिया देगा। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रमुख देशों के समर्थन ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ जवाबदेही की दिशा में एक ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत का नेतृत्व
भारत की सुरक्षा नीति को लेकर दुनिया भर में एक व्यापक समर्थन देखने को मिल रहा है। पाकिस्तान द्वारा की गई आतंकी गतिविधियों के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भारत का साथ दिया है और यह साबित किया है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का संघर्ष सिर्फ एक राष्ट्रीय समस्या नहीं, बल्कि यह एक वैश्विक मुद्दा है। भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत किया है और यह समर्थन उसे और अधिक ताकत दे रहा है।