पिछले महीने डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। अब पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर जाएंगे, जहां उनकी ट्रंप से मुलाकात होगी और पारस्परिक टैरिफ नीति पर चर्चा संभव है।
PM Modi America Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 और 13 फरवरी को अमेरिका दौरे पर रहेंगे, जहां उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगी। यह बैठक इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि ट्रंप ने पारस्परिक टैरिफ (Reciprocal Tariffs) नीति की घोषणा की है। इस नीति का असर भारत सहित कई देशों पर पड़ सकता है।
पीएम मोदी के दौरे से पहले ट्रंप की बड़ी घोषणा
ट्रंप भारत दौरे से ठीक पहले पारस्परिक टैरिफ को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "मैं अगले सप्ताह पारस्परिक व्यापार पर टैरिफ की घोषणा करूंगा, जिससे सभी देशों के साथ समान व्यवहार किया जाएगा। हम न अधिक चाहते हैं और न ही कम।" भारत के लिए यह नीति महत्वपूर्ण हो सकती है क्योंकि इससे भारतीय व्यापार और निवेशकों पर असर पड़ सकता है।
जापान के पीएम से मुलाकात के दौरान टैरिफ पर संकेत
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा से मुलाकात के दौरान पारस्परिक टैरिफ की घोषणा की थी। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस नीति को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे। माना जा रहा है कि ट्रंप की यह घोषणा भारतीय इक्विटी और करेंसी मार्केट को प्रभावित कर सकती है।
इसके अलावा, ट्रंप ने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को अपने प्रशासन में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में आयातित ऑटोमोबाइल पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया जा सकता है, जिसका असर भारतीय कंपनियों पर भी होगा।
भारतीय कंपनियों पर टैरिफ का प्रभाव
भारत फोर्ज, संवर्धन मदरसन और एमएम फोर्जिंग्स जैसी भारतीय कंपनियां नॉर्थ अमेरिका में क्लास 8 ट्रकों की सप्लाई करती हैं। यदि ट्रंप ऑटोमोबाइल पर टैरिफ लगाते हैं, तो इन कंपनियों को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, भारतीय निवेशकों के लिए भी यह चिंता का विषय बन सकता है।
भारत के लिए व्यापारिक रियायतों पर विचार
ट्रंप ने भारत को सुझाव दिया था कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत करने के लिए भारत को अधिक अमेरिकी रक्षा उपकरण खरीदने चाहिए। इस बीच, भारत सरकार कम से कम एक दर्जन टैरिफ कटौती पर विचार कर रही है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक, मेडिकल और सर्जिकल उपकरण शामिल हैं।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यह कटौती भारत की घरेलू उत्पादन योजनाओं के अनुसार होगी। इससे यह संकेत मिलता है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संतुलन को लेकर अहम वार्ता हो सकती है।
चीन, मैक्सिको और कनाडा को पहले ही झटका दे चुके हैं ट्रंप
ट्रंप पहले ही चीन, कनाडा और मैक्सिको से आयातित सामानों पर भारी इंपोर्ट ड्यूटी लगा चुके हैं। उनके आदेश के अनुसार:
- मैक्सिको और कनाडा से आयातित उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाया गया।
- चीन से आने वाले सामानों पर 10% टैरिफ लगाया गया।
इस फैसले से 2.1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के वैश्विक व्यापार पर असर पड़ सकता है और ट्रेड वॉर भड़क सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप भारत के लिए क्या रणनीति अपनाते हैं और पीएम मोदी इस मामले को लेकर कैसे वार्ता करते हैं।