शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मेहमानों का पाकिस्तान पहुंचना शुरू हो गया है। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के इस्लामाबाद आगमन से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सेना के जवानों को तैनात किया गया है।
Pakistan: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर 15-16 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान जाने वाले हैं। यह नौ वर्षों में पहली बार है जब कोई भारतीय विदेश मंत्री पाकिस्तान का दौरा कर रहा है। इस्लामाबाद में होने वाली इस बैठक की मेज़बानी पाकिस्तान कर रहा है।
इस बीच, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने एससीओ बैठक की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि सुरक्षा के लिए मजबूत इंतजाम किए गए हैं। हम भारतीय विदेश मंत्री और शिखर सम्मेलन के अन्य प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
इस्लामाबाद में सुरक्षा के लिए सेना की तैनाती
इस बीच, यह जानना जरूरी है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए विदेशी प्रतिनिधिमंडल रविवार को पाकिस्तान में पहुंचने लगे हैं। कार्यक्रम के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पाकिस्तान की राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद में सेना को तैनात किया गया है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए इस्लामाबाद में कई देशों के प्रतिनिधिमंडल पहुंच चुके हैं। हवाई अड्डे के सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि रूस का 76 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और SCO के सात अन्य प्रतिनिधि भी पाकिस्तान आ चुके हैं। इसके साथ ही, भारत का चार सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद में उपस्थित है।
सुरक्षा के मजबूत इंतजाम
SCO के सदस्य देशों के शासकों की 23वीं बैठक 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में आयोजित की जाएगी, जिसके लिए अधिकारियों ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) नासिर अली रिजवी ने एक बयान में कहा कि इस शिखर सम्मेलन से पहले एक ‘‘व्यापक’’ सुरक्षा योजना बनाई गई है।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा कर्मियों को होटलों और उन स्थानों पर तैनात किया जाएगा, जहां विदेशी प्रतिनिधिमंडल ठहरे हुए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे विदेशी नेताओं, प्रतिनिधिमंडलों और मेहमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। रिजवी ने बताया कि तलाशी और सूचना-आधारित अभियान चलाए जा रहे हैं, और पाकिस्तानी सेना, खुफिया एजेंसियां, फ्रंटियर कोर (एफसी) एवं रेंजर्स के कर्मियों को भी तैनात किया गया है।
प्रदर्शनों और रैलियों पर प्रतिबंध
पुलिस प्रमुख ने जानकारी दी है कि सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 9,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और ‘‘नागरिकों की सुविधा के लिए एक यातायात योजना भी बनाई गई है।’’ सरकार ने किसी भी संभावित अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए राजधानी में पहले ही सेना को तैनात कर दिया है, और इस्लामाबाद, पड़ोसी रावलपिंडी तथा कुछ अन्य शहरों में हर प्रकार के विरोध प्रदर्शनों और रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
सम्मेलन की मेज़बानी के लिए पूरी तरह से तैयार है पाक
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा है कि पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन की मेज़बानी के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने इस्लामाबाद में शिखर सम्मेलन की व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मीडिया को जानकारी दी कि पाकिस्तान शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी नेताओं, जिनमें भारतीय विदेश मंत्री भी शामिल हैं, का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए तत्पर है।
डार ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह सम्मेलन पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश कई वर्षों बाद किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम की मेज़बानी कर रहा है। इस आयोजन के ज़रिए पाकिस्तान अपनी वैश्विक भूमिका को और मज़बूत करने की कोशिश करेगा। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि चीनी प्रधानमंत्री अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। हालांकि, डार ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की ओर से किसी द्विपक्षीय बैठक का अभी तक कोई अनुरोध नहीं आया है।
पीटीआई ने विरोध प्रदर्शन की दी धमकी
पाकिस्तान में हालात तनावपूर्ण हैं, जहां पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी ने अपने नेता इमरान खान पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ 15 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है। PTI की मांग है कि इमरान खान को जेल में अपने परिवार, कानूनी टीम और चिकित्सक से मिलने की अनुमति दी जाए।
वित्त मंत्री इशाक डार ने इस विरोध प्रदर्शन के आह्वान की आलोचना की है, हालांकि उन्होंने PTI का नाम नहीं लिया। डार का कहना है कि विरोध प्रदर्शन से महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आयोजनों, जैसे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन, को विफल करने की कोशिश की जा रही है। डार ने कहा कि ऐसे विरोध प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं।