महाकाल मंदिर में वीआईपी संस्कृति का बोलबाला: नियमों की धज्जियां उड़ाने का एक और मामला आया सामने

महाकाल मंदिर में वीआईपी संस्कृति का बोलबाला: नियमों की धज्जियां उड़ाने का एक और मामला आया सामने
Last Updated: 27 मिनट पहले

उज्जैन के महाकाल मंदिर में वीआईपी के नाम पर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। हाल ही में एक बार फिर से नियम तोड़ने का मामला उजागर हुआ है। इस बार आरोप महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे पर लगे हैं। वहीं, मंदिर के प्रशासक ने कहा है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पुजारियों के अलावा मंदिर के गर्भगृह में किसी अन्य व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है।

Ujjain: मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में नियम तोड़ने का एक और मामला सामने आया है। आरोप है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और चार अन्य लोगों ने मंदिर के गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना की। जबकि मंदिर प्रशासन ने पिछले साल ही गर्भगृह में प्रवेश करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।

यह प्रतिबंध सभी के लिए लागू है, लेकिन लगातार वीआईपी के नाम पर इन नियमों को दरकिनार किया जा रहा है। यह घटना मंदिर प्रशासन की गंभीर लापरवाही और नियमों में छूट देने की प्रवृत्ति को उजागर करती है। इस मामले में जांच की मांग उठ रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि नियमों का उल्लंघन कैसे हुआ और इसके लिए जिम्मेदार कौन है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि मंदिर प्रशासन को नियमों को सख्ती से लागू करना होगा और किसी को भी नियमों से ऊपर नहीं रखना चाहिए।

जाने पूरा मामला

जानकारी के अनुसार, शाम साढ़े पांच बजे महाराष्ट्र के कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे, जो एकनाथ शिंदे के बेटे हैं, अपनी पत्नी और दो अन्य लोगों के साथ महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पहुँचे। सभी ने यहां लगभग छह मिनट तक पूजा अर्चना की। इस दौरान मंदिर के सुरक्षा प्रभारी जयंत राठौर और गर्भगृह निरीक्षक भी उनके साथ उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष से पुजारियों को छोड़कर अन्य सभी लोगों के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। इसके बावजूद, नियमों का उल्लंघन जारी है।

विधायक ने जताई नाराजगी

गर्भगृह में वीआईपी प्रवेश पर विवाद महाकाल मंदिर में गर्भगृह में वीआईपी प्रवेश को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कलेक्टर एवं महाकाल मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष ने स्पष्ट किया है कि किसी भी व्यक्ति को गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं है। इस बीच, प्रशासक गणेश धाकड़ ने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा है कि गर्भगृह निरीक्षक और अन्य दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले पर तराना से विधायक महेश परमार ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने गर्भगृह में वीआईपी प्रवेश को अनुचित बताते हुए इसे नियमों का उल्लंघन बताया है।

विधायक ने कहा है कि सभी भक्तों को समान अवसर मिलना चाहिए और वीआईपी प्रवेश से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती है। यह मामला अब प्रशासन के ध्यान में गया है और कार्रवाई की उम्मीद है।

महाकाल मंदिर की सुरक्षा में 500 होमगार्ड जवान तैनात

महाकाल मंदिर की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए 500 होमगार्ड जवानों को तैनात किया जाएगा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने हाल ही में इस घोषणा की थी। मंदिर के नियमों के मुताबिक, श्रद्धालु 50 फुट की दूरी से भगवान के दर्शन कर सकते हैं। गर्भगृह में सिर्फ़ पुजारियों को जाने की अनुमति है। गुरुवार को होमगार्ड और एसडीईआरएफ के डीआईजी मनीष अग्रवाल उज्जैन पहुँचे और उन्होंने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

उन्होंने निर्देश दिया कि मौजूदा समय में तैनात जवानों को 10 दिन की ट्रेनिंग दी जाए, जिसमें उन्हें भक्तों से सम्मान और विनम्रतापूर्वक बात करने का तरीका सिखाया जाएगा। मंदिर के आसपास रूट मैप भी लगाए जाएँगे ताकि श्रद्धालु बिना भटके दर्शन कर सकें। यह कदम महाकाल मंदिर की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उठाया गया है। उम्मीद है कि इससे भक्तों को सुरक्षित और सुखद अनुभव मिलेगा।

 

 

 

 

 

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