मुइज्जू के साथ बातचीत के बाद आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा मालदीव के लोगों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी है। जब भी मालदीव किसी संकट का सामना करता है, भारत सबसे पहले मदद के लिए आगे आता है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मालदीव को 10 करोड़ डॉलर के ट्रेजरी बिलों के भुगतान के लिए अधिक समय दिया है।
India- Maldives: पिछले वर्ष भारत विरोधी अभियान चलाकर मालदीव की सत्ता में आए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अब भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने, भारतीय यूपीआई को स्वीकार करने, भारत को नया दूतावास खोलने की अनुमति देने, भारत की सहायता से अपनी रक्षा क्षमता को मजबूत करने और ढांचागत क्षेत्र में भारतीय निवेश को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं।
भारतीय पर्यटकों को किया आमंत्रित
पहली बार भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए राष्ट्रपति मुइज्जू ने सोमवार को पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक में राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपनी चीन समर्थक छवि के विपरीत एक नई दृष्टि प्रस्तुत की। जिन मुद्दों पर उन्होंने भारत का विरोध किया था, अब वे सभी क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने भारत से अधिक से अधिक पर्यटकों को अपने देश आने का आमंत्रण दिया और साथ ही अपने देश को वित्तीय संकट से उबारने के लिए पीएम मोदी की सराहना भी की।
400 डॉलर का पैकेज
प्रधानमंत्री मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच हुई बैठक के दौरान दो महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं, साथ ही सहयोग के तीन नए क्षेत्रों की शुरुआत भी हुई। इस बैठक में कुल पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें मालदीव के वित्तीय संकट को सुलझाने के लिए 6400 करोड़ रुपये का एक पैकेज शामिल है, जिसमें एक करेंसी स्वैप समझौता भी शामिल है। इस समझौते के तहत, मालदीव की मुद्रा के बदले 400 करोड़ डॉलर और 3000 करोड़ रुपये भारतीय मुद्रा उपलब्ध कराई जाएगी। यह बेल आउट पैकेज विदेशी मुद्रा संकट से जूझ रहे मालदीव के लिए महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेगा।
मोदी-मुइज्जू वार्ता में महत्वपूर्ण निर्णय
भारत और मालदीव ने मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता आरंभ करने का निर्णय लिया है। इस पहल के तहत, अब रुपे कार्ड का उपयोग मालदीव में भी संभव होगा, जिससे यूपीआई के माध्यम से लेनदेन की प्रक्रिया में भी तेजी आएगी। इसके साथ ही, रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर भी सहमति बनी है, जिसमें समुद्री सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
दोनों देशों ने एक-दूसरे के यहां नए दूतावास खोलने का भी निर्णय लिया है, जिससे द्विपक्षीय संबंध और मजबूती प्राप्त करेंगे। मालदीव में भारतीय मदद से ढांचागत निर्माण की गतिविधियों को तेज किया जाएगा, और भारत की सहायता से नये रनवे का निर्माण भी शुरू होगा। यह सभी निर्णय भारत और मालदीव के बीच सहयोग को और बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
भारत और मालदीव के बीच समझौते
श्रीलंका के बाद, भारत ने वित्तीय संकट से उबरने में मालदीव की मदद की है, जो कि इसका दूसरा पड़ोसी देश है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने इस सहायता के लिए भारत सरकार का विशेष धन्यवाद किया है। मुइज्जू, जो भारत के साथ रक्षा सहयोग के प्रति सक्रिय हैं, ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी का एक दृष्टि-पत्र जारी किया है। यह दस्तावेज दोनों देशों के बीच नए रिश्तों का रोडमैप बनेगा।
इस समझौते के अंतर्गत, दोनों नेताओं ने घोषणा की है कि जल्द ही भारत और मालदीव के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता शुरू की जाएगी। इसके साथ ही, विदेशी मुद्रा पर निर्भरता को खत्म करते हुए, दोनों देश आपसी मुद्रा में व्यापार को बढ़ावा देंगे।