राजधानी पटना में दीवाली की रात वायु प्रदूषण पिछले वर्ष की तुलना में कम दर्ज किया गया। पिछले साल जहां AQI 333 था, वहीं इस बार 230 AQI रिकॉर्ड किया गया। प्रशासन की कड़ी निगरानी और लोगों की जागरूकता के कारण वायु प्रदूषण में कमी आई है। हालांकि, कुछ स्थानों पर पीएम 2.5 की मात्रा सामान्य से अधिक पाई गई।
पटना: पटना में दीवाली की रात हवा की गुणवत्ता पिछले वर्ष की तुलना में कुछ हद तक बेहतर रही, जिससे राजधानीवासियों को बड़ी राहत मिली। हालांकि, पटाखों की तेज आवाज ने शांति को भंग किया, जिससे शांत क्षेत्रों में भी शोर बढ़ गया।
कुछ स्थानों पर पीएम 2.5 की मात्रा सामान्य से अधिक दर्ज की गई, लेकिन कुल मिलाकर वायु प्रदूषण की स्थिति खतरनाक स्तर तक नहीं पहुंची। पिछले वर्ष दीवाली की रात AQI 333 था, जबकि इस बार AQI 230 रिकॉर्ड किया गया, यानी 103 अंक की कमी। यह आंकड़ा राजधानीवासियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
प्रशासन की कड़ाई और जागरूकता से वायु प्रदूषण में कमी
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अध्यक्ष डॉ. डीके शुक्ला ने कहा कि इस वर्ष प्रशासन की सख्ती और लोगों की जागरूकता के कारण वायु प्रदूषण में कमी आई है। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए गए हैं।
सड़कों पर निरंतर पानी का छिड़काव होने से सकारात्मक प्रभाव देखा गया। इसके अलावा, स्कूलों और कॉलेजों में चलाए गए जागरूकता कार्यक्रमों का भी इस वर्ष प्रभाव पड़ा। दैनिक जागरण ने भी लोगों को पटाखों के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक किया, जिससे लोग अधिक सतर्क रहे।
तेज हवा ने दी लोगों को राहत
विशेषज्ञों के अनुसार, इस वर्ष दीवाली की रात हवा की गति 5 से 7 किलोमीटर प्रति घंटा रहने के कारण लोगों को थोड़ी राहत मिली। तेज हवा के कारण राजधानी के आकाश में प्रदूषण का लेयर नहीं बन सका, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ।
हवा के इस प्रवाह ने धुएं को बिखरने में मदद की, और यह सिलसिला पूरी रात जारी रहा। इसके साथ ही, वातावरण में नमी की कमी के कारण धूलकण भी आसानी से फैलते रहे, जिससे प्रदूषण का स्तर नियंत्रण में रहा।
हाजीपुर में AQI 340 तक पहुंचा
दीवाली की रात वायु प्रदूषण की मात्रा राज्य में सबसे अधिक हाजीपुर में रिकॉर्ड की गई, जहां AQI 340 पर पहुंच गया। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के अध्यक्ष डॉ. डी.के. शुक्ला ने कहा कि हाजीपुर में बढ़ते प्रदूषण का मुख्य कारण पटाखे नहीं हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में हाजीपुर में हाइवे का निर्माण चल रहा है, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ा है। निर्माण एजेंसी को इस स्थिति पर नियंत्रण के लिए निर्देशित किया गया है। यदि एजेंसी उचित कार्रवाई नहीं करती है, तो उसके खिलाफ बोर्ड कार्रवाई करेगा।
दीवाली की रात वायु प्रदूषण में वृद्धि
सामान्य दिनों की तुलना में दीवाली की रात राजधानी के वातावरण में वायु प्रदूषण में स्पष्ट वृद्धि देखी गई। राजधानी में चार स्थानों पर वायु प्रदूषण का डेटा संग्रह किया गया, और सभी जगहों पर दीवाली की रात प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी हुई, खासकर पीएम-10 में।
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद कार्यालय में दीवाली के एक दिन पहले AQI 54 रिकॉर्ड किया गया, जबकि दीवाली की रात यह बढ़कर 188 पर पहुंच गया। बेल्ट्रान भवन के पास, दीवाली से एक रात पहले पीएम-10 की मात्रा 64 थी, जो दीवाली की रात बढ़कर 110 हो गई।
बोरिंग रोड चौराहा के पास दीवाली से पहले AQI 49 था, जो दीवाली की रात बढ़कर 172 हो गया। इसी प्रकार, अशोकराज पथ पर दीवाली से पहले AQI 97 था, जो दीवाली की रात 186 पर पहुंच गया।
पिछले वर्ष की तुलना में वायु प्रदूषण की स्थिति (AQI में)
वर्ष दीवाली के पूर्व की स्थिति दीवाली की रात की स्थिति
2023 326 (बहुत खराब) 333 (बहुत खराब)
2024 185 (मध्यम) 230 (खराब)
शांत क्षेत्र में बेल्ट्रान के पास रिकॉर्ड हुआ उच्चतम ध्वनि प्रदूषण
राजधानी में बेल्ट्रान के पास ध्वनि प्रदूषण का स्तर सर्वाधिक रिकॉर्ड किया गया, जहां रात्रि 10 से 11 बजे के बीच 70.7 डेसीबल ध्वनि मापी गई। यह क्षेत्र शांत क्षेत्र माना जाता है, लेकिन वहां ध्वनि प्रदूषण का इतना अधिक होना बेहद खतरनाक स्थिति को दर्शाता है।
शाम के समय यहां 56 डेसीबल और देर रात 69.6 डेसीबल ध्वनि की मात्रा रिकॉर्ड की गई, जो सामान्य मानकों से काफी अधिक है।