रामबन तहसील में हाल ही में बादल फटने के कारण दो सरकारी स्कूलों और कई घरों को भारी नुकसान हुआ है। इस दुखद घटना के परिणामस्वरूप एक 42 वर्षीय महिला और उसके दो बच्चे पानी के तेज बहाव में लापता हो गए हैं। इसके अलावा, नालों के किनारे खड़े तीन वाहन भी बह गए हैं।
उधमपुर: रामबन तहसील की राजगढ़ के कुमाटे, धरमन और हल्ला पंचायत में बादल फटने के कारण एक मां और उसके दो बच्चे तेज बहाव में बह गए हैं। जब रामबन प्रशासन को इस घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत बचाव कार्य के लिए एक टीम को मौके पर भेजा। जब टीम प्रभावित क्षेत्र में पहुंची, तब तक अंधेरा हो चुका था, जिससे बचाव कार्य में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। बादल फटने के बाद नाले के जल स्तर में वृद्धि के कारण तीन वाहन भी बह गए हैं। इसके अलावा दो सरकारी स्कूलों और कुछ घरों को भी भारी नुकसान हुआ है। हालांकि एक अच्छी बात यह रही कि जन्माष्टमी के मौके पर स्कूलों में छुट्टी थी, जिससे बच्चों और शिक्षकों की जान बच गई।
पानी के तेज बहाव में बह गए महिला और दो बच्चे
रामबन प्रशासन ने बताया कि दोपहर करीब ढाई बजे अचानक से बदल फटा, जिसके परिणामस्वरूप टांगर और दादीर नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। जलस्तर बढ़ने के कारण मलबे के साथ पानी उन सभी पंचायतों में तबाही मचाने लगा, जहां से यह निकला। कुमैत हला पंचायत में जब मलबा और पानी पहुंचा, तो मकान के अंदर मौजूद नसीमा बेगम (42), उनके बेटे यासिर अहमद (16) और छः साल की बेटी तेज बहाव में बह गईं। इस घटना में मकान भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। इसके अलावा गडग्राम और सोंसुआ में दो सरकारी मिडिल स्कूलों और कुछ घरों को भी गंभीर नुकसान हुआ है। नालों के किनारे सड़क पर खड़े तीन वाहन भी पानी की चपेट में आ गए।
प्रशासन ने शुरू किया रेस्क्यू
रामबन प्रशासन को जब इस घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत बचाव टीम को भेजने का निर्णय लिया। हालांकि प्रभावित क्षेत्र तक पहुँचने में घंटों का समय लग गया। बादल फटने के कारण आई बाढ़ ने नाले पर बने मार्ग को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिससे वहां पहुंचना काफी कठिन हो गया। इसके बाद, प्रशासन ने मौके पर जेसीबी बुलाकर रास्ता बनाने का कार्य शुरू किया। जैसे ही रास्ता तैयार हुआ, बचाव दल रात के समय प्रभावित इलाकों तक पहुँच सका।
बता दें जन्माष्टमी की छुट्टी के कारण सोमवार को सभी स्कूल बंद थे। यदि आज सरकारी छुट्टी नहीं होती, तो दो सरकारी स्कूलों की इमारतों में आई बाढ़ के चलते बच्चे और स्कूल का स्टाफ भी इसकी चपेट में आ सकते थे, जिससे जान माल का काफी ज्यादा नुकसान हो सकता था। लेकिन छुट्टी के कारण कई बच्चों की जान सुरक्षित हैं।