Jagat Prakash Nadda Birthday: भारतीय राजनीति के सशक्त नेतृत्व के प्रतीक, जिन्होंने बीजेपी को नयी ऊंचाईयों तक पहुंचाया

Jagat Prakash Nadda Birthday: भारतीय राजनीति के सशक्त नेतृत्व के प्रतीक, जिन्होंने बीजेपी को नयी ऊंचाईयों तक पहुंचाया
Last Updated: 2 दिन पहले

जगत प्रकाश नड्डा जन्मदिन हर साल 2 दिसंबर को मनाते  है। जगत प्रकाश नड्डा, भारतीय राजनीति के एक सशक्त और प्रभावशाली नेता हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा के सदस्य हैं। नड्डा का राजनीतिक सफर प्रेरणादायक रहा है, और उनके योगदान से भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। आज, हम उनके जीवन और राजनीतिक यात्रा पर एक नज़र डालेंगे।

जन्म और प्रारंभिक जीवन

जगत प्रकाश नड्डा का जन्म 1960 में पटना, बिहार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पटना से ही प्राप्त की, और इसके बाद बीए और एलएलबी की डिग्री भी वहीं से की। छात्र जीवन से ही उन्होंने भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़कर राजनीति में कदम रखा। नड्डा का जीवन बचपन से ही समाज सेवा और राजनीति से जुड़ा रहा।

राजनीतिक करियर की शुरुआत

नड्डा ने 1978 में ABVP से जुड़कर छात्र राजनीति में कदम रखा। इसके बाद 1991 से 1994 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका निभाई। यह उनकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, क्योंकि उन्होंने इस दौरान पार्टी के युवा नेतृत्व को मजबूती दी और एक नई दिशा दी। नड्डा की पत्नी, मल्लिका नड्डा भी 1988 से 1999 तक ABVP की राष्ट्रीय महासचिव रही हैं, जिससे उनके परिवार का राजनीतिक योगदान और भी मजबूत हुआ।

हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक यात्रा

नड्डा ने 1993 में हिमाचल प्रदेश से विधायक के रूप में राजनीति में प्रवेश किया। इसके बाद, वह राज्य विधानसभा में पार्टी के नेता बने और 1998 में पुनः विधायक चुने गए। राज्य सरकार में उन्हें स्वास्थ्य और संसदीय मामलों का मंत्री बनाया गया। 2007 में, उन्हें प्रेम कुमार धूमल की सरकार में वन, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का मंत्री बनाया गया। हालांकि, 2010 में मुख्यमंत्री धूमल से मतभेद के कारण उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

राष्ट्रीय राजनीति में कदम

नड्डा का राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ। उन्हें पार्टी की चुनावी अभियान के समन्वयक के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा की रणनीति को मजबूत किया, और पार्टी को 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर दिलवाया। इसके बाद, उन्हें 2019 में उत्तर प्रदेश का प्रभारी बना दिया गया, जहां उनकी रणनीतियों से भाजपा को शानदार जीत मिली।

20 जनवरी 2020 को उन्हें भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए नड्डा ने पार्टी को मजबूत किया और विभिन्न राज्यों में पार्टी की स्थिति को और सुदृढ़ किया। सितंबर 2022 में, उनका कार्यकाल 2024 तक बढ़ा दिया गया।

हिंदू राष्ट्र पर उनका दृष्टिकोण

2023 में, बागेश्वर पीठाधीश्वर श्री धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग के बाद, कई भाजपा नेताओं ने इसका समर्थन किया। हालांकि, नड्डा ने इसका विरोध किया और पार्टी के नेताओं को यह सलाह दी कि वे इस मुद्दे पर सार्वजनिक बयानबाजी से बचें। उनका यह कदम पार्टी के अंदर और बाहर एक संतुलित और समझदारी भरा संदेश देने वाला था।

नड्डा का राजनीति में योगदान

नड्डा का राजनीतिक जीवन संगठनात्मक कुशलता, सामरिक योजनाओं और पार्टी के अंदर सामंजस्य बनाए रखने के लिए जाना जाता है। उन्होंने न सिर्फ पार्टी को विस्तार दिया, बल्कि भारतीय जनता पार्टी को एक विश्वस्तरीय राजनीतिक संगठन बनाने में भी मदद की। वह पार्टी के एक मजबूत नेतृत्व के रूप में उभरे और पार्टी को आगामी लोकसभा चुनावों के लिए तैयार किया।

जगत प्रकाश नड्डा का जीवन भारतीय राजनीति में एक प्रेरणा है। उनका कार्यकाल भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है। उनकी मेहनत, रणनीति और नेतृत्व ने न सिर्फ भाजपा को एक नई दिशा दी है, बल्कि भारतीय राजनीति में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका स्थापित की है। उनके मार्गदर्शन में भाजपा ने अनेक राज्य चुनावों में जीत हासिल की और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत की।

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