MBA या PGDM: मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए कौन सा कोर्स है बेहतर? यहां जानें सही जवाब

MBA या PGDM: मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए कौन सा कोर्स है बेहतर? यहां जानें सही जवाब
Last Updated: 27 नवंबर 2024

आजकल के छात्रों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़े निर्णयों में से एक है, क्या एमबीए (Master of Business Administration) करें या पीजीडीएम (Post Graduate Diploma in Management)? दोनों कोर्स प्रबंधन (Management) और व्यवसाय (Business) के क्षेत्र में गहरी जानकारी प्रदान करते हैं, लेकिन इनके दृष्टिकोण और शिक्षा की प्रणाली में महत्वपूर्ण अंतर है। छात्रों के लिए यह निर्णय करना कभी-कभी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि विषय तो एक ही है, लेकिन इन दोनों कोर्सेस में अंतर की वजह से सही कोर्स का चुनाव करना जरूरी है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि एमबीए और पीजीडीएम में क्या अंतर होता है, और यह दोनों कोर्सेस आपके लिए किस तरह से फायदेमंद हो सकते हैं।

पाठ्यक्रम का स्वरूप

सबसे पहले, यह जानना जरूरी है कि एमबीए और पीजीडीएम दोनों अलग-अलग प्रकार के कोर्स हैं। एमबीए एक डिग्री कोर्स है, जो विश्वविद्यालयों द्वारा कराया जाता है और यह यूजीसी (University Grants Commission) से संबद्ध होता है। इसका पाठ्यक्रम ज्यादा सैद्धांतिक होता है, जिसमें व्यापार, प्रबंधन, और अर्थशास्त्र के सिद्धांतों पर ध्यान दिया जाता हैं।

वहीं, पीजीडीएम एक डिप्लोमा कोर्स है, जो निजी संस्थानों द्वारा संचालित होता है और यह एक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाता है। पीजीडीएम कोर्स में अधिक इंडस्ट्री-संबंधी जानकारी, केस स्टडीज और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है। इसलिए यह अधिक रोजगार केंद्रित होता हैं।

पाठ्यक्रम में भिन्नता

एमबीए का पाठ्यक्रम उन विश्वविद्यालयों द्वारा निर्धारित किया जाता है, जिनसे वह संबद्ध होते हैं, और यह एक मानक पैटर्न के अनुसार चलता है। इससे छात्रों को हर विश्वविद्यालय में समान विषय मिलते हैं, जो सभी कॉलेजों में एक जैसे होते हैं।

इसके विपरीत, पीजीडीएम का पाठ्यक्रम संस्थान विशेष द्वारा तय किया जाता है, और इस वजह से यह एक संस्थान से दूसरे संस्थान में अलग-अलग हो सकता है। यह अधिक लचीलापन प्रदान करता है, जिससे संस्थान अपने पाठ्यक्रम को समय के अनुसार अपडेट कर सकते हैं।

फीस में अंतर

यदि हम फीस की बात करें तो एमबीए की फीस आम तौर पर पीजीडीएम की फीस से कम होती है। इसका कारण यह है कि एमबीए सरकारी विश्वविद्यालयों के अंतर्गत आता है, जिन्हें सरकार से वित्तीय सहायता मिलती है, जबकि पीजीडीएम निजी संस्थानों द्वारा संचालित होता है और इनकी फीस अधिक होती है। खासकर उन संस्थानों में जहां कैंपस प्लेसमेंट अच्छे पैकेज पर होते हैं, वहां फीस कई बार सामान्य फीस से दोगुनी हो सकती हैं।

पाठ्यक्रम की अवधि

एमबीए और पीजीडीएम दोनों कोर्स दो वर्षों के होते हैं, लेकिन दोनों के पैटर्न में अंतर होता है। एमबीए कोर्स सेमेस्टर पैटर्न पर आधारित होता है, जबकि पीजीडीएम कोर्स त्रैमासिक पैटर्न का पालन करता है। इसके अलावा, पीजीडीएम के पाठ्यक्रम में बदलाव जल्दी होते हैं, जबकि एमबीए का पाठ्यक्रम लंबे समय बाद अपडेट होता हैं।

कैरियर के अवसर

दोनों कोर्स छात्रों को बेहतर करियर अवसर प्रदान करते हैं, लेकिन इनके क्षेत्र अलग हो सकते हैं। एमबीए करने के बाद आप एचआर मैनेजर, मार्केटिंग मैनेजर, फाइनेंस एडवाइजर, और बिजनेस एनालिस्ट जैसे पदों पर काम कर सकते हैं। इसके अलावा, आपको बड़ी कंपनियों में उच्च पदों पर जाने का अवसर मिल सकता हैं।

वहीं, पीजीडीएम करने के बाद आपको प्रोजेक्ट मैनेजर, डेटा साइंटिस्ट, कंसल्टेंट, और ऑडिटर जैसे पदों पर काम करने का अवसर मिलता है। यह अधिक तकनीकी और विशिष्ट क्षेत्रों में काम करने का मौका देता हैं।

वेतन में अंतर

एक महत्वपूर्ण अंतर जो छात्रों के लिए आकर्षक हो सकता है, वह है वेतन। पीजीडीएम करने वालों को सामान्य तौर पर एमबीए करने वालों से अधिक वेतन मिलता है। एक एमबीए ग्रेजुएट का औसत शुरुआती वेतन 7 से 10 लाख रुपये प्रति वर्ष हो सकता है, जबकि एक पीजीडीएम ग्रेजुएट का औसत शुरुआती वेतन 12 से 15 लाख रुपये प्रति वर्ष होता हैं।

प्रवेश के तरीके में अंतर

दोनों कोर्स के लिए प्रवेश के लिए प्रमुख परीक्षा होती हैं जैसे CAT, MAT, ZAT आदि। हालांकि, एमबीए के लिए विश्वविद्यालयों में राज्य स्तरीय परीक्षा भी आयोजित की जाती है। वहीं, पीजीडीएम के लिए संस्थान अपने खुद के प्रवेश पैटर्न का पालन करते हैं और चयन में टेस्ट स्कोर के अलावा शैक्षणिक प्रदर्शन और अन्य उपलब्धियों को भी ध्यान में रखते हैं।

एमबीए और पीजीडीएम दोनों ही कोर्स प्रबंधन में कैरियर बनाने के लिए बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं, लेकिन इनके बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं, जिन्हें समझना जरूरी है। यदि आप सैद्धांतिक दृष्टिकोण से ज्यादा जुड़ा महसूस करते हैं और सरकारी संस्थान से डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं, तो एमबीए आपके लिए उपयुक्त हो सकता है। वहीं, यदि आप व्यावहारिक दृष्टिकोण और तेजी से बदलते उद्योग के ट्रेंड्स के अनुसार शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, तो पीजीडीएम आपके लिए बेहतर हो सकता हैं।

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