अभ्यर्थियों के एग्जाम में टॉप करने के बाद भी... JPSC ने नियुक्ति से किया बाहर; Jharkhand हाई कोर्ट में की याचिका दायर

अभ्यर्थियों के एग्जाम में टॉप करने के बाद भी... JPSC ने नियुक्ति से किया बाहर; Jharkhand हाई कोर्ट में की याचिका दायर
Last Updated: 09 मार्च 2024

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में अभ्यर्थी के टॉप करने के बाद फीस जमा नहीं होने पर JPSC (Jharkhand Public Service Commission) उसे नियुक्ति से वंचित कर दिया है. इस मामले को लेकर झारखंड हाई कोर्ट (JHC) ने जेपीएससी को कड़ी फटकार लगाई हैं।

रांची: असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में नियुक्ति संबंधी मामले में मनोज कुमार कच्छप ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार शर्मा ने झारखंड लोक सेवा आयोग को फटकार लगाते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में टॉप करने वाले अभ्यर्थी को एक महीने में नियुक्ति देने का आदेश दिया है. बताया कि अभ्यर्थी की फीस जमा नहीं होने पर JPSC ने उन्हें नियुक्ति से वंचित कर दिया हैं।

मनोज कच्छप ने की याचिका दायर

Subkuz.com को प्राप्त जानकारी के अनुसार मनोज कुमार कच्छप ने High Court में याचिका दायर की, जिसमे में कहां गया था कि जुलाई 2018 में झारखंड लोक सेवा आयोग ने नागपुरी भाषा के लिए एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए बैकलाग वैकेंसी के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के चार पदों के लिए विज्ञापन (Notification) जारी किया था।

बताया कि दस्तावेजों की स्क्रूटनिंग (Document Scrutiny) में प्रार्थी को 85 में से 72.15 अंक मिला था, लेकिन साक्षात्कार सूची (Interview List) में प्रार्थी का नाम नहीं आया था। हाई कोर्ट की दखलंदाजी के बाद प्रार्थी को इंटरव्यू में शामिल होने के लिए कहां गया। बताया कि जेपीएससी ने 23 दिसंबर 2021 को परीक्षा रिजल्ट घोषित किया था।

साक्षात्कार से किया वंचित

जानकारी के अनुसार अदालत (कोर्ट) ने प्रार्थी से संबंधित सभी दस्तावेज मंगाया था, जिसपर जेपीएससी में सीलबंद रूप में प्रार्थी डॉक्यूमेंट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया था। जिसमें कोर्ट ने पाया की अंको के आधार पर प्रार्थी ने टॉप किया था। जेपीएससी की ओर से कोर्ट में बताया गया था कि प्रार्थी ने अपनी परीक्षा फीस समय पर जमा नहीं कराई थी।

याचिका दायर करने वाले मनोज ने कहां की जिस समय JPSC की परीक्षा फीस जमा करवा रहा था, उस समय स्टेटस फेल हो गया था और फीस जेपीएससी के अकाउंट में जमा नहीं हुई। इसलिए नियम की सभी शर्तों को पूरा नहीं करने पर जेपीएससी साक्षात्कार में नहीं बुलाया था।

कोर्ट ने दिया नियुक्ति का आदेश

जानकारी के अनुसार कोर्ट में पेश किये सभी डॉक्यूमेंटस और बयान के आधार जस्टिस राजेश कुमार ने प्रार्थी ने कहां कि जेपीएससी के रिजेक्ट लिस्ट में भी उनका नाम नहीं आया था. जिसके कारण प्रार्थी को मालूम नहीं चल पाया कि उसकी फीस जेपीएससी के खाते में जमा नहीं है. जानकारी मिलने के बाद  प्रार्थी ने फीस भी जमा करवा दी थी. सभी बातों को ध्यान से सुनने और कागजात के आधार पर अदालत ने प्रार्थी को नियुक्ति देने का आदेश दिया हैं।

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