Agricultural Scientist Success Story: बलिया की डॉ. शोभा यादव ने रचा इतिहास, 2 साल के बच्चे के साथ ड्यूटी और तैयारी, अब कृषि वैज्ञानिक के रूप में हुआ चयन

Agricultural Scientist Success Story: बलिया की डॉ. शोभा यादव ने रचा इतिहास, 2 साल के बच्चे के साथ ड्यूटी और तैयारी, अब कृषि वैज्ञानिक के रूप में हुआ चयन
Last Updated: 5 घंटा पहले

बलिया की पशु चिकित्साधिकारी डॉ. शोभा यादव ने सच कर दिखाया। अपने पूरे विभाग की जिम्मेदारी और 2 साल के बच्चे का पालन-पोषण करते हुए डॉ. शोभा ने अपने दूसरे बड़े ख्वाब को पूरा किया। उनके द्वारा किए गए संघर्ष और समर्पण की कहानी आज युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा बन चुकी हैं।

डॉ. शोभा यादव का ऐतिहासिक चयन

बलिया के गड़वार की पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. शोभा यादव ने यह साबित कर दिया कि अगर कोई मेहनत और संकल्प के साथ अपने लक्ष्य को तय करता है, तो कोई भी मुश्किल उसे हासिल करने से नहीं रोक सकती। डॉ. शोभा का चयन कृषि वैज्ञानिक के पद के लिए हुआ है, और यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि पूरे देश से इस पद के लिए केवल 78 लोगों का चयन हुआ है, जिनमें डॉ. शोभा भी शामिल हैं। अब वह भारत सरकार के अधीन कृषि वैज्ञानिक के रूप में काम करेंगी।

ड्यूटी के साथ तैयारी में जुटी रहीं डॉ. शोभा

डॉ. शोभा का जीवन एक मिसाल है, जहां उन्होंने कामकाजी पेशेवर के रूप में अपनी ड्यूटी और एक मां के रूप में अपने बच्चे के पालन-पोषण के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिक के लिए कठिन परीक्षा की तैयारी भी की। उनका कहना था, "मुझे यह एहसास था कि कोई भी सपना बड़ा नहीं होता अगर आप उस दिशा में मेहनत करें।" उनके पास काम करने का कोई निश्चित समय नहीं था, लेकिन जब भी मौका मिलता, वह अपनी तैयारी में जुट जातीं। कई बार वह विभाग की जिम्मेदारी के साथ-साथ अपने बच्चे की देखभाल भी करती थीं।

संघर्ष के बावजूद हार नहीं मानी

डॉ. शोभा ने बताया कि जीवन में कई कठिनाइयाँ आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनके परिवार और उनके विभाग का उन्हें पूरा सहयोग मिला, और अंततः उनका सपना साकार हुआ। उन्होंने कृषि वैज्ञानिक के रूप में चयन के बाद यह भी बताया कि उनके लिए यह उपलब्धि केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष की जीत है, बल्कि यह उनके परिवार और विभाग के समर्थन का परिणाम भी हैं।

अपने विभाग को किया याद

लोकल 18 से बात करते हुए, डॉ. शोभा ने कहा कि वह अब अपने विभाग को छोड़ने जा रही हैं, लेकिन यह विभाग वह कभी नहीं भूल पाएंगी। उन्होंने कहा, "मेरे लिए यह विभाग परिवार से भी बढ़कर था। इसने मुझे हर कदम पर सहयोग दिया, और यही सहयोग मुझे सफलता की ओर ले गया।" उनके इस वक्तव्य ने कई लोगों को भावुक कर दिया। बलिया के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सुशील कुमार मिश्रा और डिप्टी सीवीओ सदर डॉ. एस.डी. द्विवेदी ने डॉ. शोभा को बधाई दी और कहा, "डॉ. शोभा आज के युवाओं के लिए एक मिशाल बनकर सामने आई हैं।"

डॉ. शोभा का संघर्ष और सफलता

डॉ. शोभा यादव की सफलता केवल उनके लिए, बल्कि पूरे बलिया जिले के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि किसी भी महिला के लिए अपने सपनों को पूरा करना संभव है, भले ही वह पेशेवर हो या मां। उनका यह संघर्ष प्रेरणा देता है कि यदि दिल में इरादा मजबूत हो, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता हैं।

 डॉ. शोभा यादव का चयन कृषि वैज्ञानिक के पद के लिए एक ऐतिहासिक घटना है, जो केवल उनके लिए, बल्कि उनके परिवार और पूरे बलिया जिले के लिए गर्व का विषय है। उनकी मेहनत, समर्पण और संघर्ष ने यह साबित कर दिया कि अगर किसी के अंदर लक्ष्य को पाने की सच्ची चाह हो, तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती।

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