संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विस परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इसे पास करने के लिए छात्रों को कई वर्षों तक कठिन मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन कुछ कैंडिडेट्स ऐसे होते हैं जो पहले प्रयास में ही इसे पास कर लेते हैं। एक ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है, प्रयागराज की रहने वाली अनन्या सिंह की, जिन्होंने सिर्फ एक साल की तैयारी में ही यूपीएससी परीक्षा को पास कर लिया और पहले प्रयास में आईएएस अफसर बन गईं।
प्रारंभिक शिक्षा और कड़ी मेहनत की नींव
अनन्या सिंह का जन्म और पालन-पोषण उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट मेरी कॉन्वेंट स्कूल से प्राप्त की और शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रही थीं। 10वीं कक्षा में 96 प्रतिशत और 12वीं कक्षा में 98.25 प्रतिशत अंक हासिल कर अनन्या ने न केवल अपनी कड़ी मेहनत को साबित किया, बल्कि सीआईएससीई बोर्ड से दोनों कक्षाओं में डिस्ट्रिक्ट टॉपर बनकर यह दिखा दिया कि उनकी मेहनत ही उनकी सफलता का राज हैं।
ग्रेजुएशन से लेकर यूपीएससी तक का सफर
12वीं के बाद अनन्या ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में एडमिशन लिया, जहां उन्होंने इकोनॉमिक्स ऑनर्स से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। बचपन से ही उनका सपना था कि वह आईएएस अफसर बनकर देश की सेवा करें। अनन्या ने अपनी ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में ही UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।
वह जानती थीं कि यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा के लिए पूरी लगन और मेहनत की जरूरत होती है। इसलिए, उन्होंने दिन में 7-8 घंटे पढ़ाई करने की शुरुआत की, लेकिन जैसे-जैसे उनकी पढ़ाई का बेस मजबूत हुआ, उन्होंने इसे 6 घंटे प्रतिदिन तक सीमित कर लिया। उनका मानना था कि सटीक समय-निर्धारण और फोकस्ड तरीके से की गई पढ़ाई ज्यादा प्रभावी होती हैं।
पढ़ाई की रणनीति और सफलता का राज
अनन्या का मानना था कि UPSC परीक्षा के लिए सही रणनीति बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने सबसे पहले यूपीएससी सिलेबस के हिसाब से किताबों की लिस्ट बनाई और उन किताबों को जमा किया। इसके बाद, उन्होंने हैंड नोट्स बनाने शुरू किए। उनका कहना था कि नोट्स बनाने से दो फायदे होते हैं - एक तो यह कि जवाब दिमाग में जल्दी रजिस्टर हो जाते हैं और दूसरा यह कि ये शॉर्ट और क्रिस्प होते हैं, जो रिवीजन के दौरान मददगार होते हैं।
प्री और मेन्स एग्जाम से पहले का समय अनन्या के लिए बहुत कठिन था, लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वह रोजाना अपना टाइम टेबल तय करके उसी के अनुसार पढ़ाई करती थीं। उनका यह नियम था कि किसी भी दिन उन्हें 6 घंटे से कम पढ़ाई नहीं करनी चाहिए।
प्रथम प्रयास में सफलता और आईएएस अफसर बनने का सपना पूरा करना
2019 में अनन्या सिंह ने UPSC Civil Services Exam में 51वीं रैंक हासिल की और अपना सपना पूरा कर लिया। उनका यह सफर हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है, जो यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास करने का सपना देखता है। अनन्या ने साबित कर दिया कि सही रणनीति, निरंतरता और दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता हैं।
सफलता की राह अनन्या का संदेश
अनन्या की सफलता इस बात का प्रतीक है कि सही दिशा में की गई मेहनत रंग लाती है। उनका मानना है कि UPSC की परीक्षा पास करने के लिए जरूरी नहीं कि किसी के पास सालों का अनुभव हो। बल्कि, अगर आपका लक्ष्य साफ है और आप उसी दिशा में मेहनत करते हैं, तो सफलता जरूर मिलती है। अनन्या का मानना है कि आत्मविश्वास, कठिनाई से न घबराना और लगातार मेहनत करना सफलता के प्रमुख तत्व हैं।
आज अनन्या सिंह, आईएएस अफसर बनकर अपनी सफलता की कहानी हर किसी के सामने रखती हैं और उन लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं जो UPSC परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
अनन्या सिंह की सफलता यह दर्शाती है कि यदि आपने सही तरीके से तैयारी की है और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं, तो कोई भी परीक्षा मुश्किल नहीं होती। उन्होंने यह साबित किया कि एक साल की तैयारी और सही दिशा में मेहनत से UPSC जैसी कठिन परीक्षा भी पास की जा सकती हैं।