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नेपोटिज़्म पर हेली शाह का बड़ा बयान: 'टैलेंट के बावजूद काम न मिलना दुखद है'

नेपोटिज़्म पर हेली शाह का बड़ा बयान: 'टैलेंट के बावजूद काम न मिलना दुखद है'

पॉपुलर टेलीविजन सीरियल्स और हाल ही में कई फिल्मों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुकीं अभिनेत्री हेली शाह ने हाल ही में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में व्याप्त भाई-भतीजावाद (नेपोटिज्म) को लेकर अपनी बात रखी है।

एंटरटेनमेंट: टेलीविजन और फिल्मों में अपनी अदाकारी से पहचान बना चुकीं हेली शाह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में नेपोटिज़्म (भाई-भतीजावाद) को लेकर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने बताया कि किस तरह यह चलन प्रतिभाशाली कलाकारों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और क्यों यह उनके जैसे मेहनती कलाकारों के लिए एक भावनात्मक चुनौती बन जाता है।

काम न मिलना तब और ज्यादा दुख देता है जब आप काबिल हों – हेली शाह

'द फ्री प्रेस जर्नल' के शो ‘SheRoes’ में बातचीत के दौरान, हेली शाह ने बताया कि वह नेपोटिज़्म से होने वाली असमानताओं को महसूस कर चुकी हैं। बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा,

'जाहिर है बुरा लगता है, क्योंकि जब आप जानते हैं कि आप भी उस काम के लायक हैं, फिर भी आपको सिर्फ इसलिए मौका नहीं मिलता क्योंकि आपके पास इंडस्ट्री से कोई बैकअप नहीं है, तो वह बेहद हतोत्साहित करने वाला होता है।'

हेली के इस बयान ने इंडस्ट्री में व्याप्त उस चुप्पी को तोड़ने का काम किया है, जिसके पीछे कई संघर्षरत कलाकार दबे रहते हैं।

नेपोटिज़्म केवल एंटरटेनमेंट तक सीमित नहीं है

हेली ने यह भी स्पष्ट किया कि भाई-भतीजावाद केवल फिल्म या टीवी इंडस्ट्री की समस्या नहीं है, बल्कि यह हर क्षेत्र में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा: हर इंडस्ट्री में नेपोटिज़्म है, लेकिन हमारे क्षेत्र की चर्चा अधिक होती है क्योंकि यहां सब कुछ लोगों की नजर में होता है। एक कलाकार होने के नाते ये चीजें अंदर तक चुभती हैं।

हेली ने साझा किया कि वह ऐसे दौर से गुजर चुकी हैं, जब उन्होंने किसी बड़े प्रोजेक्ट के लिए मेहनत की, लेकिन आखिरकार वो मौका उनसे छिन गया:

'मैं एक प्रोजेक्ट को लेकर बहुत उत्साहित थी, लेकिन वो अचानक बंद हो गया। किसी और ने मेरी जगह नहीं ली, लेकिन उस अनुभव ने मुझे भावनात्मक रूप से बहुत प्रभावित किया। सच कहूं तो वो अनुभव ब्रेकअप से भी ज्यादा दर्दनाक था।'

उन्होंने आगे कहा कि कलाकारों को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए, लेकिन जब लगातार मेहनत के बावजूद मौके नहीं मिलते, तो लाचारी का अनुभव होता है।

अब मैंने उम्मीदें करना छोड़ दिया है

अपने अनुभव से सीखते हुए हेली ने कहा कि अब उन्होंने दूसरों से उम्मीदें रखना छोड़ दिया है: अब मैं ज्यादा उम्मीद नहीं करती, क्योंकि उम्मीदें ही अक्सर सबसे बड़ा दर्द देती हैं। मैं सिर्फ अपना सर्वश्रेष्ठ देने में यकीन रखती हूं, बाकी सब ऊपरवाले पर छोड़ देती हूं।” हेली शाह का करियर साल 2010 में 'ज़िंदगी का हर रंग... गुलाल' से शुरू हुआ था। इसके बाद उन्होंने ‘स्वरागिनी’, ‘सूफियाना प्यार मेरा’, ‘इश्क में मरजावां 2’, ‘लाल इश्क’, ‘दीया और बाती हम’ जैसे शो में बेहतरीन अभिनय कर दर्शकों का दिल जीता।

वह हाल ही में कुछ फिल्म प्रोजेक्ट्स में भी दिखाई दी हैं, जिनमें उनका किरदार सराहा गया है। हेली की यह खासियत रही है कि वह नकारात्मक अनुभवों को खुद पर हावी नहीं होने देतीं और हर बार मजबूत बनकर सामने आती हैं।

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