8 अप्रैल सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में दर्ज एक ऐसी गूंज है, जो हर साल विद्यार्थियों को भारत की आज़ादी के लिए दिए गए बलिदानों की याद दिलाती है। इस दिन से जुड़ी घटनाएं आज भी UPSC, SSC, रेलवे, बैंकिंग और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की स्टेटिक जीके में प्रमुख स्थान रखती हैं। आइए जानते हैं क्यों है 8 अप्रैल इतिहास में इतना अहम।
मंगल पांडे की फांसी: स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी
1857 में जब भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पहली चिंगारी फूटी, तो उसका चेहरा बने सिपाही मंगल पांडे। वे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री के सदस्य थे। अंग्रेजों द्वारा लाई गई एनफील्ड राइफल के कारतूस में गाय और सूअर की चर्बी के उपयोग ने धार्मिक भावनाओं को भड़काया। विरोध में मंगल पांडे ने 29 मार्च 1857 को बैरकपुर छावनी में ब्रिटिश अफसरों पर हमला कर दिया।
हालांकि उन्हें 18 अप्रैल को फांसी दी जानी थी, लेकिन ब्रिटिश हुकूमत को यह डर था कि उनके समर्थन में विद्रोह और न भड़क जाए, इसलिए फांसी की तारीख को आगे बढ़ा कर 8 अप्रैल 1857 कर दिया गया। बैरकपुर की फांसीगाह से उठी यह चिंगारी जल्द ही पूरे भारत में लपटों की तरह फैल गई।
भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त की बमक्रांति
इत्तेफाक देखिए कि इसी तारीख को 1929 में, दिल्ली के सेंट्रल असेंबली हॉल में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ बम फेंककर शांतिपूर्ण विरोध दर्ज कराया। बम फेंकने का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि यह 'सुनो दुनिया वालो!' जैसा क्रांतिकारी संदेश देना था – ताकि भारत की आज़ादी की आवाज अंग्रेजों की नींद उड़ा दे।
हर साल 8 अप्रैल को कई ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं दर्ज हैं, जो न सिर्फ इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं, बल्कि आज भी समसामयिक घटनाओं और परीक्षाओं के लिए प्रासंगिक हैं।
आइए जानें इस तारीख से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं
1894: वंदे मातरम् के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का निधन।
1950: भारत-पाकिस्तान के बीच लियाकत-नेहरू समझौता हुआ, जो दोनों देशों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए था।
1973: 20वीं सदी के महान चित्रकार पाब्लो पिकासो का निधन।
2013: ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर का निधन।
2020: भारत में कोविड-19 संक्रमण के मामले 5,700 के पार पहुंचे, पीएम मोदी ने इसे “सामाजिक आपातकाल” कहा।
2023: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तेजपुर एयरबेस से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी – ऐसा करने वाली पहली भारतीय राष्ट्रपति बनीं।
2024: मालदीव की निलंबित मंत्री मरियम शिउना द्वारा भारतीय ध्वज का अपमान और उसके बाद सार्वजनिक माफी – भारत-मालदीव संबंधों में तनाव का कारण बनी घटना।