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आत्मविश्वास और समझदारी: सबसे कीमती माॅडल की सीख

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इस साल का स्कूल वार्षिक समारोह बहुत खास था। मोटर गाड़ी बनाने वाली एक बड़ी कंपनी के चेयरमैन मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। उनकी जीवन कहानी बहुत प्रेरणादायक थी, क्योंकि वे एक साधारण परिवार से थे और अपनी मेहनत से आज इस मुकाम पर पहुंचे थे। सभी विद्यार्थियों के मन में उनके जीवन के अनुभवों को जानने की उत्सुकता थी। समारोह के अंत में, हैडमास्टर जी ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और फिर मुख्य अतिथि से बच्चों के साथ अपने जीवन के अनुभव साझा करने का अनुरोध किया।

प्रेरणादायक सवाल से शुरूआत

मुख्य अतिथि ने अपनी बात एक सवाल से शुरू की, "कल्पना करो कि तुम्हें एक कीमती कार का माॅडल तोहफे में मिला है। वह कार बेहद आधुनिक उपकरणों से लैस है और वह लंबे समय तक चलने वाली है। लेकिन एक बात है, उसका कोई भी पुर्जा दोबारा नहीं मिल सकता। तुम उस कार का ध्यान कैसे रखोगे?"

बच्चों के उत्तर और सीख

सभी बच्चों के मन में जिज्ञासा थी। एक बच्चा खड़ा हुआ और उसने कहा, "हम उस कार का ध्यान रखेंगे, उसे साफ ईंधन देंगे, समय-समय पर सर्विसिंग करवाएंगे, और उसे सावधानी से चलाएंगे। हम उसे ज्यादा भार नहीं देंगे और न ही तेज चलाएंगे।"

मुख्य अतिथि मुस्कराए और बोले, "तुम लोगों के पास पहले से ही ऐसा एक माॅडल है।"

सभी बच्चे चौंक गए, और फिर मुख्य अतिथि ने कहा, "वो माॅडल तुम्हारा अपना शरीर है। तुम्हारा शरीर सबसे कीमती है। तुम्हारी आंखें, हाथ और दिमाग – ये सभी किसी भी आधुनिक मशीन से बेहतर काम करते हैं। लेकिन याद रखो, इसका कोई भी पुर्जा फिर से नहीं मिल सकता। इसलिए इसे बड़े ध्यान से इस्तेमाल करना चाहिए।"

स्वास्थ्य की अहमियत पर जोर

मुख्य अतिथि ने आगे कहा, "तुमने सही कहा कि हमें इसे शुद्ध ईंधन देना चाहिए। तुम्हारे शरीर के लिए शुद्ध और संतुलित आहार जरूरी है। जैसे एक अच्छे माॅडल में कभी ज्यादा बोझ नहीं डालते, वैसे ही हमें अपने शरीर पर ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिए। जीवन में तेज दौड़ने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे दुर्घटनाएँ हो सकती हैं।"

संदेश और आभार

मुख्य अतिथि की बातें सुनकर सभी बच्चे हैरान थे। उनकी बातें बहुत सरल और प्रभावशाली थीं, जो बच्चों के दिलों में घर कर गईं। जैसे ही उन्होंने अपनी बात समाप्त की, सारा हॉल तालियों से गूंज उठा।

यह कहानी हमें यह संदेश देती है कि

हमें अपने शरीर का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यह कोई सामान्य वस्तु नहीं है। इसका कोई भी पुर्जा फिर से नहीं मिल सकता। स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है, और इसे हमेशा संजोकर रखना चाहिए। मुख्य अतिथि की यह बात हमें याद दिलाती है कि हमारे शरीर की देखभाल हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। सही आहार, नियमित व्यायाम और तनाव से बचाव से हम अपने शरीर को एक अनमोल खजाना बना सकते हैं। यह हमारे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है, और इसे बचाकर रखना हमारी जिम्मेदारी हैं।

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