एक घने और हरे-भरे जंगल में हाथी राजा बबलू रहते थे। बबलू अपनी विशाल कद-काठी और मजबूत शरीर के लिए प्रसिद्ध थे, लेकिन उनकी एक आदत उन्हें परेशान करती थी, वह बहुत भूलक्कड़ थे। हर कोई जंगल में उनकी भुलक्कड़ स्वभाव के बारे में जानता था, लेकिन इसके बावजूद, बबलू का दिल बहुत साफ था।
समस्या का सामना जंगल की सफाई
एक दिन, जंगल के राजा शेर ने सभी जानवरों की सभा बुलाई और एक समस्या का समाधान निकालने की बात की। शेर ने कहा, "जंगल के रास्तों में कांटे और झाड़ियां फैल गई हैं। हमें इन्हें साफ करना होगा ताकि जानवर आसानी से चल सकें।"
इस पर हाथी बबलू ने तुरंत उत्साह के साथ कहा, "मैं इसे संभाल लूंगा! मैं अपनी सूंड से इन कांटों को हटा दूंगा।" सभी जानवर खुश हो गए, क्योंकि बबलू के पास शक्तिशाली सूंड थी और वह यह काम आसानी से कर सकते थे।
भूलने की आदत की समस्या
अगले दिन बबलू ने तय किया था कि वह जंगल का रास्ता साफ करेंगे, लेकिन दुर्भाग्यवश, वह सुबह उठते ही यह भूल गए कि उन्हें क्या करना था। जब तोता ने पूछा, "बबलू भैया, आपने रास्ता साफ किया?" तो बबलू चौंकते हुए बोले, "अरे! मुझे तो याद ही नहीं रहा।" इस कारण जंगल के रास्ते और भी खराब हो गए। जानवरों को चलने में कठिनाई होने लगी। खरगोश के पैर में कांटा चुभ गया और हिरण का पैर फिसल गया।
समस्या का समाधान चतुर योजना
जंगल के जानवरों को अब बबलू की भूलने की आदत से समस्या हो गई थी। मोर ने सुझाव दिया, "हमें कुछ करना होगा। हमें बबलू राजा को उनकी भूलने की आदत सुधारने के लिए कोई रास्ता खोजना होगा।" लोमड़ी ने कहा, "हां, लेकिन हम इसे कैसे करेंगे?" सभी जानवरों ने मिलकर एक योजना बनाई और बबलू को सभा में बुलाया।
तोता ने कहा, "बबलू भैया, हम आपको एक खेल खेलाना चाहते हैं।" बबलू ने उत्सुकता से पूछा, "खेल? कैसा खेल?" तोता ने कहा, "हम आपको तीन काम देंगे। अगर आप इन सभी कामों को अच्छे से कर लेते हैं, तो आप हमारे असली राजा बन जाएंगे।"
काम की शुरुआत और तरकीब
बबलू ने खुशी-खुशी यह चुनौती स्वीकार की। पहले काम के रूप में उन्होंने जंगल के तालाब में पानी भरने का कार्य शुरू किया। दूसरे काम में, उन्हें गाय के बछड़े को उसकी मां के पास ले जाना था। और तीसरा काम था, जंगल के रास्ते से कांटों को हटाना। लेकिन बबलू पहले ही काम के बाद भूल गए कि क्या करना था। तब मोर ने एक तरकीब दी।
उसने कहा, "बबलू भैया, हर काम के बाद आप एक पत्ती पर लिख लिया करो। इससे आपको याद रहेगा कि आपको अगला काम क्या करना है।" बबलू ने मोर की बात मानी और पत्तियों पर हर काम को लिखा। धीरे-धीरे उन्होंने सभी तीनों काम पूरे कर लिए। यह देखकर सभी जानवर खुश हो गए।
हाथी बबलू की समझदारी
जब शेर ने देखा कि बबलू ने अपनी भूलने की आदत पर काम किया और काम पूरा किया, तो वह गर्व से बोले, "बबलू, तुमने साबित कर दिया कि जब हम अपनी आदतों पर काम करते हैं, तो हम किसी भी काम में सबसे अच्छे बन सकते हैं।"
बबलू ने महसूस किया कि अगर हम अपनी कमजोरियों पर काम करें और सही उपाय अपनाएं, तो हम किसी भी समस्या का हल निकाल सकते हैं। इस बात पर बबलू ने वादा किया कि वह अब अपनी भूलने की आदत पर ध्यान देंगे और इसे सुधारेंगे।
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि
हर समस्या का हल होता है। यदि हम अपनी कमजोरियों को पहचानकर उस पर काम करते हैं, तो बड़ी से बड़ी समस्या को भी हल किया जा सकता है। बबलू ने अपनी भूलने की आदत को सुधारने के लिए मेहनत की और साबित किया कि यदि हम अपने प्रयासों को सही दिशा में लगाएं, तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता हैं।
इस कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि आत्म-सुधार और मेहनत से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है और हम सफलता पा सकते हैं।