जंगल में धोखा: झूठे दोस्त ने हिरण को सिखाई सच्ची दोस्ती की अहमियत

जंगल में धोखा: झूठे दोस्त ने हिरण को सिखाई सच्ची दोस्ती की अहमियत
Last Updated: 4 घंटा पहले

जंगल के हरे-भरे वातावरण में एक हिरण और कौआ अच्छे दोस्त थे, जिनका हर दिन साथ बिताना एक अद्भुत अनुभव होता था। वे दोनों मिलकर जंगल की सैर करते, स्वादिष्ट फल खाते और विभिन्न प्रकार के पौधों की खोज करते थे। कौआ चतुर और तेज-तर्रार था, जबकि हिरण सरल और बहुत भरोसेमंद था। यही कारण था कि वह अपने आसपास के सभी जीवों पर विश्वास करता था, जिसमें सियार भी शामिल था।

सियार का छल

एक दिन, कौआ ने देखा कि हिरण सियार के साथ घूम रहा है, जो जंगल में अपनी चालाकी और धोखेबाजी के लिए जाना जाता था। कौआ ने तुरंत हिरण को चेतावनी दी, “भैया, तुम इस सियार पर विश्वास न करो। यह दिखता तो दोस्त की तरह है, लेकिन इसका इरादा बुरा हो सकता है।” लेकिन हिरण ने कौआ की सलाह को नज़रअंदाज़ करते हुए कहा, "तुम किसी पर विश्वास न करो, यह सियार मेरा अच्छा दोस्त है और अब तक इसका व्यवहार ठीक था।"

धोखे में फंसा हिरण

कुछ समय बाद, सियार ने हिरण को एक झूठा वादा किया कि जंगल के एक कोने में हरी-हरी घास है, जो खाने के लिए बेहद स्वादिष्ट होगी। हिरण को यह सूचना बहुत आकर्षक लगी, और उसने सियार के साथ वहां जाने का फैसला किया। उसे यह बिल्कुल भी आभास नहीं था कि सियार उसे धोखा देने की योजना बना रहा था।

जब हिरण उस स्थान पर पहुंचा, तो उसे घास खाने में व्यस्त कर दिया गया। तभी अचानक, किसान ने जाल बिछा रखा था, और हिरण उसमें फंस गया। वह घबराकर चिल्लाने लगा, “सियार भाई, मुझे बचाओ, मैं फंस गया हूं!” लेकिन सियार ने उसकी मदद करने के बजाय कहा, “तुम मुझे क्यों बुला रहे हो? मैं किसान से कहूंगा कि वह तुम्हें मारकर मुझे मांस का हिस्सा दे दे।”

कौए की चतुराई

सियार के शब्दों को सुनकर हिरण बहुत दुखी हुआ और उसकी आवाज़ कौए तक पहुंची। कौआ तुरन्त उसके पास पहुंचा और उसे शांत करते हुए कहा, “हिरण भाई, मैं तुम्हारी मदद करूंगा, लेकिन तुम्हें मेरी बात माननी होगी।” कौआ ने एक योजना बनाई और हिरण से कहा, “तुम मरने का नाटक करो। जैसे ही किसान आएगा और देखेगा कि तुम मर गए हो, वह जाल खोलने आएगा। उस वक्त तुम तेजी से भाग जाना।”

किसान को धोखा

हिरण ने कौए की बात मानी और जाल में लेटे-लेटे अपनी सांस रोक ली। कुछ समय बाद, सियार किसान को लेकर आया और उसे दिखाया कि हिरण मर चुका है। किसान ने देखा कि हिरण सच में मृत प्रतीत हो रहा है, और उसने जाल खोलने की कोशिश की। जैसे ही किसान ने जाल खोला, हिरण ने कूदकर तेजी से दौड़ना शुरू कर दिया। किसान को समझ में आया कि वह धोखा खा गया है और उसने सियार को डंडे से मारकर उसे भगा दिया।

सच्चे दोस्त की अहमियत

हिरण ने बाद में कौए से माफी मांगी, क्योंकि उसने उस पर विश्वास किया था जिसने कभी उसका भला नहीं चाहा। उसे अब यह समझ में आ गया कि सच्चा दोस्त वही होता है, जो मुश्किल समय में हमारी मदद करे, और नकली दोस्त किसी भी असली दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं।

कहानी से सीख

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें अपने सच्चे दोस्तों को पहचानना चाहिए और उनकी सलाह का सम्मान करना चाहिए। एक सच्चा दोस्त हमें मुसीबत से निकालने में मदद करता है, जबकि एक झूठा दोस्त केवल हमारी नाशुक्री करता है।

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