भगवन शंकर के त्रिशूल पर बसा शहर बनारस :जो कि आस्था,धरोहरऔर ज्ञान के लिए विश्वविख्यात है,आप भी जाने

भगवन शंकर के त्रिशूल पर बसा शहर बनारस :जो कि आस्था,धरोहरऔर  ज्ञान के लिए विश्वविख्यात है,आप भी जाने
Last Updated: 27 जुलाई 2024

बनारस शहर से जुड़ी पौराणिक कहानी

बनारस, जिसे काशी और वाराणसी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के सबसे पवित्र शहरों में से एक है। इस शहर का इतिहास और संस्कृति अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है। बनारस से जुड़ी कई पौराणिक कहानियाँ हैं, जिनमें से एक प्रमुख कहानी है भगवान शिव से संबंधित।

 

भगवान शिव और बनारस की स्थापना:

पौराणिक कथा के अनुसार, बनारस का संबंध सीधे भगवान शिव से है। ऐसा माना जाता है कि यह शहर स्वयं भगवान शिव द्वारा स्थापित किया गया था। एक समय की बात है, जब भगवान शिव और माता पार्वती ने कैलाश पर्वत को छोड़कर पृथ्वी पर आने का निश्चय किया। उन्होंने एक ऐसी जगह की खोज की जो शांत और पवित्र हो। उनकी खोज समाप्त हुई जब वे गंगा नदी के किनारे स्थित एक सुंदर स्थान पर पहुंचे। उन्होंने इसे अपनी निवास स्थली बनाने का निर्णय लिया और इसे 'काशी' नाम दिया, जिसका अर्थ होता है 'प्रकाश का स्थान'।

भगवान शिव ने कहा कि काशी में रहने वाला हर व्यक्ति उनके संरक्षण में रहेगा और उसे कभी भी किसी प्रकार का कष्ट नहीं होगा। यह भी माना जाता है कि काशी में मृत्यु प्राप्त करने वाला व्यक्ति सीधे मोक्ष प्राप्त करता है और उसे पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त हो जाता है। यही कारण है कि बनारस को मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है।

 

विष्णु और शिव की कथा:

एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने एक बार काशी में आकर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और उन्हें वरदान दिया कि जो भी व्यक्ति काशी में आकर गंगा स्नान करेगा और उनके (शिव) का ध्यान करेगा, उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी। इसलिए, बनारस में गंगा स्नान और शिव की पूजा का विशेष महत्व है।

दुर्गाकुंड और दुर्गा मंदिर की कथा:

बनारस में स्थित दुर्गाकुंड और दुर्गा मंदिर की भी एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि इस स्थान पर माता दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था। यहां का मंदिर और कुंड इसी घटना की स्मृति में बनाए गए हैं। इस मंदिर में प्रतिवर्ष दुर्गा पूजा के समय हजारों भक्त आते हैं और माता दुर्गा की आराधना करते हैं।

 

इन पौराणिक कथाओं ने बनारस को एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व प्रदान किया है। यह शहर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और सभ्यता का एक प्रमुख केंद्र भी है।

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