चीन के विदेश मंत्री वांग यी आज से तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं। वह पीएम मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर और NSA डोभाल से मुलाकात करेंगे। सीमा विवाद, व्यापार और क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा होगी।
China-India: चीन के विदेश मंत्री वांग यी आज से तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं। इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे। दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और सीमा विवाद सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करना है।
वांग यी की भारत यात्रा का उद्देश्य
चीन के विदेश मंत्री वांग यी 18 अगस्त से 20 अगस्त तक भारत में तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे। उनकी यह यात्रा भारत-चीन संबंधों के हाल के घटनाक्रमों और आगामी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वांग यी के दौरे का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करना और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सीमा विवाद से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना है।
इस दौरे के दौरान वांग यी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे। यह दौरा चीन और भारत के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
सीमा विवाद पर ध्यान
वांग यी की यात्रा के दौरान सबसे महत्वपूर्ण चर्चा भारत-चीन सीमा विवाद पर होगी। वांग यी और NSA अजीत डोभाल के बीच 24वीं विशेष प्रतिनिधि (SR) बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सुरक्षा और शांति बनाए रखने पर चर्चा होगी। यह बैठक देपसांग मैदान और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त पुनः शुरू करने और सैन्य वापसी पर सहमति को लेकर आयोजित की जा रही है।
विशेष रूप से यह बैठक दोनों देशों के लिए सीमा पर स्थिरता सुनिश्चित करने और किसी भी अप्रत्याशित तनाव को रोकने का एक प्रयास है। इसके अलावा, सीमा प्रबंधन के लिए दोनों पक्षों के बीच पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधानों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करने पर फोकस
वांग यी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच द्विपक्षीय बैठक में व्यापार, सुरक्षा और क्षेत्रीय सहयोग जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक का एक प्रमुख उद्देश्य व्यापार असंतुलन को कम करना और तकनीकी और विनिर्माण क्षेत्रों में संयुक्त उद्यमों को बढ़ावा देना है।
इसके अलावा, दोनों देश पर्यटक वीज़ा खोलने और कैलाश मानसरोवर यात्रा को पुनः शुरू करने जैसे सांस्कृतिक और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ाने वाले कदमों पर भी विचार करेंगे। ये पहलें भारत-चीन के बीच संबंधों में सकारात्मक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही हैं।
पीएम मोदी से मुलाकात
वांग यी 19 अगस्त को 7-लोक कल्याण मार्ग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में भारत-चीन के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की संभावना है।
प्रधानमंत्री मोदी और वांग यी की यह बैठक आगामी SCO शिखर सम्मेलन के लिए भी तैयारियों का एक हिस्सा मानी जा रही है। शिखर सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन संगठन के इतिहास का सबसे बड़ा शिखर सम्मेलन माना जा रहा है।
क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग पर चर्चा
वांग यी और भारतीय नेताओं के बीच वार्ता में न केवल सीमा विवाद और द्विपक्षीय व्यापार बल्कि आतंकवाद, सुरक्षा और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है। दोनों पक्ष SCO, BRICS और G20 जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर विचार करेंगे।
इसके अलावा, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए रणनीतिक सहयोग और साझा जिम्मेदारी पर भी जोर दिया जाएगा। यह दौरा दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ाने और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।