इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम शुक्रवार से प्रभावी हो गया है, जिसके बाद हजारों फलस्तीनी अपने घर लौटने लगे हैं और इजरायली सैनिक भी गाजा से वापस लौट रहे हैं।
गाजा: इजरायल और हमास के बीच शुक्रवार से सीजफायर लागू हो गया है, जिसके बाद हजारों फलस्तीनी अपने घरों को लौटने लगे हैं और इजरायली सैनिक गाजा पट्टी से वापस जा रहे हैं। यह युद्धविराम अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित शांति योजना को इजरायल की मंजूरी मिलने के बाद प्रभावी हुआ है।
सीजफायर का ऐलान स्थानीय समयानुसार दोपहर में किया गया, और इसके साथ ही इजरायली सेना ने अपने सैनिकों को सहमति रेखाओं की ओर लौटने के आदेश जारी किए। इस घोषणा से पहले उत्तरी गाजा में बड़े पैमाने पर गोलाबारी की रिपोर्ट आई थी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि तनाव अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है।
ट्रंप की शांति योजना को मिली मंजूरी
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि इजरायल के मंत्रिमंडल ने गाजा में युद्धविराम और शेष बंधकों तथा फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के लिए ट्रम्प की योजना को मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल ने बंधकों की रिहाई के लिए समझौते की रूपरेखा को स्वीकार कर लिया, लेकिन योजना के अन्य विवादास्पद पहलुओं का कोई विवरण अभी नहीं दिया गया।
इन पहलुओं में हमास का निरस्त्रीकरण, गाजा पर किसका शासन रहेगा, और शांति प्रक्रिया के चरण शामिल हैं। यह मंजूरी दो साल से चल रहे विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
बंधकों और कैदियों की रिहाई चुनौतीपूर्ण
अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस (ICRC) ने स्पष्ट किया है कि बंधकों और कैदियों की रिहाई इस बार पिछले की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण होगी। इसका कारण ऑपरेशन की व्यापकता और गति है। ICRC के मुख्य प्रवक्ता क्रिश्चियन कार्डन ने कहा कि संगठन की उम्मीद है कि गाजा से बंधकों और इजरायल से फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई में सहायता करेगा। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि रिहाई कब, कैसे और कहां होगी। इसमें शामिल कई पहलुओं को लेकर अभी अनुत्तरित प्रश्न बने हुए हैं, जैसे कि:
- हमास का निरस्त्रीकरण कब और कैसे होगा।
- गाजा पर शासन की जिम्मेदारी किसके पास रहेगी।
- ट्रंप की शांति योजना के अन्य विवादास्पद तत्व क्या होंगे।
सीजफायर लागू होने के बाद हजारों फलस्तीनी अपने घरों को लौटने लगे हैं। युद्ध के दौरान बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए थे और उनका जीवन गहरा संकट झेल रहा था। स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज किया है और प्रभावित नागरिकों को खाद्य सामग्री, पानी और चिकित्सा सुविधा प्रदान करने की कोशिश की जा रही है।