पिंकी एक नटखट और शरारती लड़की थी, जो हमेशा नए-नए तरीके से लोगों को हंसाने की कोशिश करती रहती थी। स्कूल में हो या घर पर, उसकी शरारतें हमेशा किसी न किसी को चौंका देतीं। पिंकी की हरकतें कभी-कभी बहुत मजेदार होतीं, लेकिन कभी-कभी वो लोगों के लिए सिरदर्द भी बन जाती थीं।
नई शरारत का प्लान
एक दिन, पिंकी ने ठानी कि वह मम्मी को चौंकाएगी। उसने किचन में रखी हल्दी की बोतल में पीला रंग मिला दिया। मम्मी जब सब्जी बना रही थीं, तो हल्दी का डिब्बा उठाया और बिना देखे उसमें हल्दी डाल दी। कुछ देर बाद मम्मी ने देखा कि सब्जी का रंग कुछ अजीब सा हो गया। वह हैरान होकर बोलीं, "अरे, यह सब्जी इतनी पीली क्यों हो रही है?"
मम्मी का गुस्सा
पिंकी पास खड़ी हंस रही थी, लेकिन मम्मी ने तुरंत समझ लिया कि यह उसकी शरारत है। मम्मी का चेहरा गुस्से से तमतमाया हुआ था। वह बोलीं, "पिंकी! यह तुमने क्या किया? देखो, अब हमें पूरी सब्जी को फेंकना पड़ेगा, सब खराब हो गया।"
पिंकी का पछतावा
मम्मी का गुस्सा देखकर पिंकी को एहसास हुआ कि उसकी शरारत ने सबका मजा खराब कर दिया था। उसने मम्मी को परेशान होते हुए देखा और उसका दिल पिघल गया। पिंकी ने सिर झुकाकर कहा, "मम्मी, मुझे माफ कर दो। मैंने मजाक में यह सब किया, लेकिन अब मुझे समझ में आ रहा है कि मैंने गलत किया।"
मम्मी की सीख
मम्मी ने गहरी सांस ली और फिर प्यार से पिंकी की ओर देखा। वह बोलीं, "पिंकी, शरारतें करना बुरा नहीं है, लेकिन तुम्हारी शरारतें किसी और को परेशानी में नहीं डालनी चाहिए। मजाक और शरारत में फर्क होता है। असली मजाक वही है, जो सबको हंसाए और किसी को दुख न हो।"
पिंकी का बदलाव
पिंकी ने मम्मी की बात ध्यान से सुनी और वादा किया, "मम्मी, अब से मैं ऐसी शरारतें नहीं करूंगी, जो किसी को परेशान करें। मैं हमेशा खुशियां बांटने की कोशिश करूंगी।"
अगले दिन पिंकी ने अपनी मम्मी के लिए एक प्यारा सा ग्रीटिंग कार्ड बनाया, जिसमें लिखा था, "मम्मी, मैं वादा करती हूं कि अब से मैं ऐसी शरारतें नहीं करूंगी, जो आपको या किसी और को परेशानी में डालें। आप मुझे माफ कर दीजिए।" मम्मी ने कार्ड पढ़ा और मुस्कुराते हुए पिंकी को गले लगा लिया।
कहानी का सबक
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि शरारतें तभी अच्छी होती हैं जब वे दूसरों को खुश करें और परेशानी का कारण न बनें। हमें समझना चाहिए कि मजाक और शरारत का उद्देश्य हमेशा खुशी फैलाना होना चाहिए, न कि किसी को दुखी करना। पिंकी ने अपनी गलती से यह सीखा कि असली खुशी दूसरों की खुशी में है, और उसने अपनी शरारतों को समझदारी से बदलने का वादा किया।