अगर आप भी स्पैम मैसेजेस से परेशान रहते हैं, तो अब आपको राहत मिलने वाली है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने हाल ही में सभी कमर्शियल एसएमएस को ट्रेस करने के लिए एक नया फ्रेमवर्क तैयार किया है। इसका मकसद एक सुरक्षित और स्पैम-फ्री मैसेजिंग इकोसिस्टम सुनिश्चित करना है।
इस फ्रेमवर्क के तहत, अब सभी प्रमुख संस्थाओं जैसे बिजनेस, बैंक और सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ उनके टेलीमार्केटर्स को भी अपने एसएमएस ट्रांसमिशन पाथ की घोषणा करनी होगी और इसे पंजीकरण के लिए ब्लॉकचेन-आधारित डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) के माध्यम से ट्रैक किया जाएगा।
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने एक अहम कदम उठाते हुए सभी वाणिज्यिक एसएमएस की ट्रेसबिलिटी को अनिवार्य कर दिया है। अब हर एसएमएस को एंड-टू-एंड ट्रेस किया जा सकेगा, जिससे यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि मैसेज कहां से भेजा गया और किसे डिलीवर हुआ। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए TRAI ने 20 अगस्त 2024 को दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसके तहत 1 नवंबर 2024 से वाणिज्यिक संदेशों की ट्रेसबिलिटी अनिवार्य कर दी जाएगी।
इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए समयसीमा को पहले 30 नवंबर और बाद में 10 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। इस कदम के जरिए बैंकिंग, बीमा, स्वास्थ्य सेवा, और रियल एस्टेट जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लगभग 1.13 लाख सक्रिय पीई को सुचारू रूप से जोड़ा जाएगा।
TRAI ने इस प्रक्रिया को तेज़ी से लागू करने के लिए आरबीआई, सेबी, आईआरडीएआई, और पीएफआरडीए जैसे प्रमुख नियामकों, साथ ही NIC और C-DAC जैसी सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर सहयोग किया है।