Jal Jeevan Mission: 16 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पहुंचा स्वच्छ पेयजल, संकट से मिल रही है राहत

Jal Jeevan Mission: 16 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पहुंचा स्वच्छ पेयजल, संकट से मिल रही है राहत
Last Updated: 2 घंटा पहले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाना था। सरकार ने इसे 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था। जल जीवन मिशन के तहत अब तक 6 अक्टूबर तक 15.19 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान किया गया है, जिससे उन्हें स्वच्छ पानी मिल रहा है और पेयजल संकट से राहत मिल रही है।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने घर-घर स्वच्छ पानी पहुंचाने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी, जिसका प्रभाव अब जमीनी स्तर पर स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, अब तक देश के करीब 16 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराया जा चुका है।

इससे यह स्पष्ट होता है कि देश के लगभग 78.58 प्रतिशत ग्रामीण घरों में स्वच्छ पेयजल की पहुंच हो गई है, जबकि जल जीवन मिशन की शुरुआत के समय यह आंकड़ा केवल 17 प्रतिशत था। उस वक्त केवल 3.24 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास ही नल से जल की सुविधा उपलब्ध थी।

जल जीवन मिशन की शुरुआत: घर-घर पहुंचाने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी इलाकों के बीच के अंतर को कम करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार लाना है। इसके तहत 2024 तक हर ग्रामीण घर में कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) प्रदान करना लक्ष्य है, जिससे हर परिवार को स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिल सके।

जल जीवन मिशन की प्रगति: ग्रामीण परिवारों तक पानी की पहुंच

जल मंत्रालय के अनुसार, 6 अक्टूबर तक जल जीवन मिशन के तहत 15.19 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं, जिससे 78.58 प्रतिशत ग्रामीण घरों में पीने योग्य पानी की सुविधा पहुंच चुकी है। इस पहल के तहत पानी की गुणवत्ता और सूखा प्रभावित क्षेत्रों में सुधार किया जा रहा है।

कई राज्यों, जैसे गोवा, हरियाणा, तेलंगाना, और हिमाचल प्रदेश, ने 100 प्रतिशत ग्रामीण घरेलू कवरेज हासिल कर लिया है।

पानी की गुणवत्ता सुधारने पर विशेष ध्यान

जल मंत्रालय के अनुसार, पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 24 लाख से अधिक महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट के उपयोग द्वारा पानी की गुणवत्ता की जांच करने की ट्रेनिंग दी गई है। अब तक 54 लाख से अधिक नमूनों का परीक्षण हो चुका है।

इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खराब पानी की गुणवत्ता की शिकायत सीधे राज्य और केंद्र सरकार को दर्ज करा सकते हैं।

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